Delhi Weather Update : दिल्ली NCR के लोग बीते दो दिनों से हो रही लगातार बारिश से परेशान हैं। सबसे ज्यादा परेशान वो लोग हैं, जिन्हें रोज इस बारिश में ऑफिस जाना पड़ रहा है। भीगने के साथ-साथ बारिश में ट्रैफिक जाम से भी लोगों को परेशानी बढ़ जाती है। हालांकि, अब इन तमाम समस्याओं से दिल्ली एनसीआर के लोगों को राहत मिलने वाली है। मौसम विभाग के सीनियर वैज्ञानिक आरके जेनामणी ने कहा कि कल से दिल्ली और उसके आस पास के इलाकों में बारिश की कोई संभावना नहीं है।
दो दिनों से लगातार हो रही है बारिश
दिल्ली-एनसीआर में लगातार दो दिनों से बारिश का दौर जारी है। शनिवार और रविवार को दिनभर बारिश रुक-रुक कर लगातार जारी रही। हालांकि, ऐसी बारिश सिर्फ दिल्ली में ही नहीं बल्कि देश के दूसरे राज्यों में भी जारी रही। उत्तर प्रदेश के मथुरा, गोरखपुर शहर में सड़कें तालाब में बदल गईं। निचले इलाकों में पानी भर गया। वहीं बलरामपुर में भारी बारिश के बाद बाढ़ जैसे हालात बन गए। हालात इतनी बिगड़ गई कि एनडीआरएफ की टीमें राहत और बचाव कार्य के लिए बुलाई गई।
2007 के बाद अब सबसे ज्यादा हुई बारिश
राष्ट्रीय राजधानी में बीते 24 घंटे में सुबह साढ़े आठ बजे तक 74 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गयी, जो 2007 के बाद से इस अवधि की दूसरी सर्वाधिक बारिश है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के आंकड़ों में यह जानकारी दी गई। राजधानी में रविवार सुबह साढ़े आठ बजे तक 74 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जिससे शनिवार को अधिकतम तापमान सामान्य से 10 डिग्री नीचे पहुंच गया, जिसके कारण दिन-रात के तापमान के बीच का अंतर रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गया। आईएमडी के आंकड़े के मुताबिक, दिल्ली में मौजूदा बारिश मानसून की बारिश नहीं है। मानसून सामान्य 653.6 मिमी के मुकाबले 516.9 मिमी बारिश दर्ज कराने के बाद राजधानी से 29 सितंबर को लौट गयी थी। आईएमडी के अनुसार, क्षेत्र में मानसून के बाद बारिश का कारण एक पश्चिमी विक्षोभ माना जाता है, जो निचले स्तर पर पुरवाई हवाओं के साथ मध्य और ऊपरी वायुमंडल में कम हवा के दबाव के कारण बनता है।
अक्टूबर में बारिश के पीछे क्या है खास कारण?
जानकारी के मुताबिक पश्चिमी विक्षोभ के कारण मानसून के बाद भी बारिश हो रही है। चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र तटीय आंध्र प्रदेश और आस-पास के क्षेत्रों पर बना हुआ है। एक ट्रफ रेखा चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र से तेलंगाना, विदर्भ, पश्चिमी मध्य प्रदेश और पश्चिमी उत्तर प्रदेश होते हुए उत्तर पश्चिम उत्तर प्रदेश तक फैली हुई है। दक्षिण बंगाल की खाड़ी के मध्य भाग पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। मौसम विभाग ने मुंबई और आसपास के जिलों ठाणे, पालघर और कोंकण क्षेत्र के लिए अगले दो दिनों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है।