Delhi News: दिल्ली की एक अदालत ने आबकारी नीति घोटाला मामले में गिरफ्तार कारोबारी विजय नायर को बुधवार को पूछताछ के लिए पांच दिन की सीबीआई हिरासत में भेज दिया। बता दें कि इस मामले में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी आरोपी हैं। अदालत ने अभियोजन पक्ष की उन दलीलों पर गौर किया कि मंगलवार को गिरफ्तार होने के बाद आरोपी सहयोग नहीं कर रहा था और सवालों पर टाल-मटोल का रवैया अपना रहा था। विशेष न्यायाधीश एम.के.नागपाल ने कहा, ‘‘तथ्यों और परिस्थितियों के मद्देनजर सीबीआई द्वारा दायर आवेदन को अनुमति दी जाती है और आरोपी को पांच दिनों की अवधि के लिए यानी तीन अक्टूबर, 2022 तक सीबीआई की हिरासत में भेजा जाता है।’’
'नायर ने फोन से हटा दिया सारा डेटा'
अदालत ने कहा कि मामले की जांच अभी प्रारंभिक चरण में है। कोर्ट ने कहा कि आरोपी की हिरासत में पूछताछ न केवल पूरी साजिश और लोक सेवकों सहित विभिन्न आरोपी व्यक्तियों द्वारा निभाई गई भूमिकाओं का पता लगाने के लिए आवश्यक है, बल्कि धन के अवैध लेन-देन की कड़ियों को जोड़ने के लिए भी आवश्यक है, जिसका भुगतान कथित तौर पर आरोपित लोक सेवकों को कमीशन के रूप में किया गया। अदालत ने कहा कि उससे (नायर से) उस डेटा की प्रकृति के संबंध में भी पूछताछ करने की आवश्यकता होगी, जिसके बारे में कहा जाता है कि आरोपी ने अपने मोबाइल फोन से हटा दिया है।
गुटबंदी और षडयंत्र के तहत किया अरेस्ट
अभियोजन के अनुसार, आम आदमी पार्टी से जुड़े नायर ने अन्य के साथ मिलकर आपराधिक साजिश रची और इसके तहत दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति बनाई और लागू की गई। गौरतलब है कि सीबीआई(CBI) ने मंगलवार को नायर को राष्ट्रीय राजधानी में शराब के ठेकों के लाइसेंस के आवंटन में कथित अनियमितताओं के संबंध में ‘गुटबंदी’ तथा ‘षडयंत्र’ में संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किया था।