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Hindi News दिल्ली दिल्ली: रामलीला में कुंभकरण का किरदार निभा रहे कलाकार को आया हार्ट अटैक, हुई मौत

दिल्ली: रामलीला में कुंभकरण का किरदार निभा रहे कलाकार को आया हार्ट अटैक, हुई मौत

दिल्ली के मालवीय नगर इलाके में रामलीला में कुंभकरण के किरदार को निभा रहे कलाकार विक्रम तनेजा की मौत हो गई। वह 59 साल के थे और उन्हें अचानक सीने में दर्द की शिकायत के बाद अस्पताल ले जाया गया था।

Kumbhkaran died- India TV Hindi Image Source : REPRESENTATIVE PIC/PEXELS कलाकार विक्रम तनेजा की मौत

नई दिल्ली: दिल्ली के मालवीय नगर इलाके में रामलीला में कुंभकरण के किरदार को निभा रहे कलाकार को हार्ट अटैक आ गया, जिससे उसकी मौत हो गई। दिल्ली पुलिस के मुताबिक, 12 अक्तूबर को थाना मालवीय नगर में पीएसआरआई अस्पताल से एक पीसीआर कॉल मिली थी जिसमें मृतक विक्रम तनेजा (59) जो पश्चिम विहार के रहने वाले हैं, उनकी मौत की जानकारी मिली। 

क्या है पूरा मामला?

पूछताछ के दौरान पाया गया कि दिनांक 11 अक्तूबर को लगभग 11 बजे मृतक विक्रम सावित्री नगर रामलीला, मालवीय नगर में कुंभकरण की भूमिका निभा रहा था और अचानक सीने में दर्द की शिकायत की। शुरुआत में उसे आकाश अस्पताल ले जाया गया, जहां से उसे पीएसआरआई अस्पताल रेफर कर दिया गया और इलाज के दौरान डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। परिवार के सदस्यों के बयान दर्ज किए गए हैं जहां उन्हें मृतक की मौत पर कोई संदेह नहीं है।

लाल किले से सटे रामलीला मैदान में भी रावण दहन

देशभर में दशहरे के मौके पर एक उत्साह नजर आ रहा है। इस मौके पर दिल्ली के लाल किले से सटे रामलीला मैदान में भी रावण दहन हुआ। इस मौके पर पीएम मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मौजूद रहे। हर बार की तरह इस बार भी इको फ्रेंडली सामग्री से रावण, मेघनाद और कुम्भकरण का पुतला बनाया गया। सबसे पहले मंच पर पीएम मोदी और राष्ट्रपति मुर्मू पहुंची और भगवान राम और लक्ष्मण का किरदार निभा रहे युवाओं का तिलक कर उनकी पूजा की। रावण दहन कार्यक्रम से पहले राम और रावण के बीच युद्ध का मंचन हुआ। राम ने रावण की नाभि में तीर मारकर उसका अंत किया। इसके बाद रावण, मेघनाथ और कुम्भकरण के पुतलों का दहन किया गया।

क्यों मनाते हैं विजयादशमी?

हिंदू समाज में विजयादशमी के त्योहार का खास महत्व है। हर साल 9 दिन की नवरात्रि के बाद दशमी के दिन ये त्योहार आता है। इस दिन देश के हर राज्य और जिले में जगह-जगह रावण, कुंभकरण और मेघनाद का पुतला जलाया जाता है।

इस दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत और अधर्म पर धर्म की जीत के रूप में मनाया जाता है। हिंदू धर्म में मना जाता है कि त्रेतायुग में भगवान राम ने दशहरा के दिन ही रावण का वध किया था। इसलिए इस दिन को भगवान राम की जीत के उत्सव के रूप में मनाते हैं।