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Hindi News दिल्ली दिल्ली: ओल्ड राजेंद्र नगर में हुए हादसे में मृत स्टूडेंट्स की पहचान हुई, स्वाती मालीवाल ने उठाए सवाल

दिल्ली: ओल्ड राजेंद्र नगर में हुए हादसे में मृत स्टूडेंट्स की पहचान हुई, स्वाती मालीवाल ने उठाए सवाल

दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर के एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने से एक बड़ा हादसा हो गया। इस हादसे में 3 लोगों की मौत हो गई, जिसके बाद से छात्रों के बीच गुस्सा है। सांसद स्वाती मालीवाल ने इस घटना पर सवाल भी उठाए हैं।

Old Rajendra Nagar- India TV Hindi Image Source : FILE मृत श्रेया यादव (25 साल) और नेविन डालविन (28 साल)

नई दिल्ली: दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर के एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में बारिश का पानी भरने से 3 लोगों की मौत हो गई। रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। घटना में मृत लोगों की पहचान हो गई है और उनकी तस्वीरें भी सामने आई हैं। तीनों की उम्र 25 से 28 साल के बीच थी।

मृतकों की हुई पहचान

  1. तानिया सोनी, उम्र 25 साल, पिता का नाम- विजय कुमार
  2. श्रेया यादव, उम्र 25 साल
  3. नेविन डालविन, उम्र 28 साल, केरल

पोस्टमार्टम तकरीबन 10:30 बजे शुरू होगा। श्रेया यादव के पिता का नाम राजेंद्र यादव है। जून/जुलाई 2024 में ही श्रेया ने एडमिशन लिया था। श्रेया बरसावां हाशिमपुर, अकबरपुर, अंबेडकर नगर (यूपी) की रहने वाली थी।

सांसद स्वाती मालीवाल ने उठाए सवाल 

सांसद स्वाती मालीवाल ने इस घटना को लेकर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, 'राजधानी में तीन छात्रों की बेसमेंट में डूबने से हुई मौत की ज़िम्मेदारी कौन लेगा? बता रहे हैं कि स्टूडेंट दस दिन से बार बार ड्रेन साफ करने की डिमांड कर रहे थे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। अवैध बेसमेंट बिना भ्रष्टाचार के कैसे चल सकते हैं? एक्स्ट्रा फ्लोर कैसे डल जाते हैं? कैसे हो सकता है कि बिना पैसे खाये सड़क-नालियों के ऊपर कब्जे हो जाते हैं?'

उन्होंने कहा, 'स्पष्ट है कि कोई सेफ्टी रूल्स को पालन करने की ज़रूरत नहीं, पैसा दो, काम हो जाता है। बस हर दिन AC रूम में बैठके महत्वपूर्ण प्रेस कॉन्फ्रेंस करते रहो। ग्राउंड पर कोई काम करने को तैयार नहीं है। कुछ दिन पहले पटेल नगर में करंट लगने से हुई मौत से भी कुछ नहीं सीखा?'

क्या है पूरा मामला?

जांच में सामने आया है कि बेसमेंट में लाइब्रेरी थी। लाइब्रेरी में अमूमन 30 से 35 बच्चे थे। अचानक से बेसमेंट में पानी तेजी से भरने लगा। छात्र बेसमेंट में बेच के ऊपर खड़े हो गए। पानी के दबाव से बेसमेंट में लगे कांच फटने लगे। बच्चो को रस्सियों के सहारे बाहर निकाला गया। शाम सात बजे लाइब्रेरी बंद हो जाती है और हादसा भी इसी समय हुआ।