श्रद्धा हत्याकांड: आफताब के पॉलीग्राफी टेस्ट का दूसरा सेशन पूरा, ढंग से जवाब नहीं दे रहा आरोपी, पूछे गए 40 से ज्यादा सवाल
Shraddha Murdered Case: दिल्ली के श्रद्धा हत्याकांड के आरोपी आफताब अमीन पूनावाला के पॉलीग्राफी टेस्ट का दूसरा सेशन भी पूरा हो गया है। एफएसएल सूत्रों का कहना है कि वह ठीक से जवाब नहीं दे रहा है।
दिल्ली के रोहिणी में फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) में शुक्रवार को श्रद्धा वालकर की हत्या मामले में आरोपी आफताब अमीन पूनावाला के पॉलीग्राफी टेस्ट का दूसरा सेशन पूरा किया गया है। एफएसएल सूत्रों के मुताबिक दूसरे सेशन में आफताब से पॉलीग्राफ टेस्ट के दौरान तकरीबन 40 से ज्यादा सवाल पूछे गए। इस दौरान उसे कई बार छींके आईं। आफताब को हल्का जुकाम भी था। जिसके कारण गुरुवार को पॉलीग्राफ टेस्ट अधूरा रह गया था। एफएसएल सूत्रों के मुताबिक आफताब अधिकतर सवालों के जवाब एक लाइन के उत्तर में दे रहा था। सूत्रों का ये भी कहना है कि पॉलीग्राफ टेस्ट के दौरान एफएसएल के एक्सपर्ट सभी सवाल हिंदी में पूछ रहे थे लेकिन आफताब अधिकतर सवालों के जवाब अंग्रेजी में दे रहा था।
इससे पहले खबर आई थी कि दिल्ली पुलिस ने साकेत कोर्ट में श्रद्धा और आफताब के 2 दोस्तों के बयान दर्ज कराए हैं। सीआरपीसी की धारा 164 के तहत बयान दर्ज किए गए। दोनों ने बताया था कि आफताब श्रद्धा को मारता पीटता था और जान से मारने की धमकी देता था। जो जबड़ा बरामद हुआ था, उसमें कुछ बाल मिले हैं, ये बाल महिला के हैं, बाल डीएनए जांच के लिए भेजे गए हैं। श्रद्धा और आफताब का एक कॉमन फ्रेंड, जो बैंगलोर में है, उससे संपर्क साधने की कोशिश कर रही है।
क्या होता है पॉलीग्राफी टेस्ट?
पॉलीग्राफी जांच में रक्तचाप, नब्ज और सांस की दर जैसी शारीरिक गतिविधियों को रिकॉर्ड किया जाता है और इन आंकड़ों का इस्तेमाल यह पता लगाने में किया जाता है कि व्यक्ति सच बोल रहा है या नहीं। वहीं, नार्कों जांच में व्यक्ति की आत्मचेतना को कम कर दिया जाता है ताकि वह खुलकर बोल पाए। गौरतलब है कि पूनावाला ने अपनी सह जीवन साथी वालकर (27) की मई में कथित तौर पर गला दबाकर हत्या कर दी थी तथा उसके शव के 35 टुकड़े कर दिए थे और उन्हें करीब तीन सप्ताह तक दक्षिण दिल्ली के महरौली में अपने घर में 300 लीटर के फ्रिज में रखा था और कई दिनों तक उन्हें शहर के अलग-अलग हिस्सों में फेंका था।
आफताब को कई परीक्षणों से गुजरना होगा
पूनावाला को उसके भावनात्मक, शारीरिक और मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य का पता लगाने के लिए कई परीक्षणों से गुजरना होगा। यदि प्रारंभिक जांच में उसे ठीक नहीं पाया जाता है तो नार्को विश्लेषण नहीं किया जा सकता है। पूनावाला की पॉलीग्राफी जांच का पहला सत्र मंगलवार को रोहिणी के एफएसएल में हुआ था। पॉलीग्राफी जांच को ‘लाई डिटेक्टर’ के नाम भी जाना जाता है। इस बीच, दिल्ली पुलिस ने पूनावाला के छतरपुर स्थित फ्लैट से पांच चाकू जब्त किए हैं। सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। हालांकि पुलिस ने कहा कि शव को काटने के लिए इस्तेमाल की गई आरी अभी बरामद नहीं हुई है। पुलिस विभाग के सूत्रों ने बताया कि चाकुओं को जांच के लिए फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला भेजा गया है ताकि यह पता लगाया जा सके कि अपराध में इनका इस्तेमाल किया गया था या नहीं।