दिल्ली की सड़कों को यूरोपिय शहरों की तर्ज पर खूबसूरत बनाने के लिए कंसल्टेंट नियुक्त: केजरीवाल
कंसल्टेंट नियुक्त होने के बाद अब दिल्ली की 100 फीट चौड़ाई वाली करीब 540 किलोमीटर लंबी सड़कों को यूरोपियन तर्ज पर सौंदर्यीकरण किया जाएगा और काम में तेजी भी आएगी।
नई दिल्ली: दिल्ली की 540 किलोमीटर लंबी सड़कों को यूरोपीय शहरों की तर्ज पर बनाने के लिए पीडब्ल्यूडी विभाग ने कंसल्टेंट नियुक्त कर दिया है। कंसल्टेंट को जल्द से जल्द डिटेल प्लान बना कर सौंपने का निर्देश दिया गया है। साथ ही फरवरी 2021 तक डीपीआर बनाने को कहा गया है। दिल्ली सरकार जून 2021 तक सड़कों को खूबसूरत बनाने का काम शुरू करना चाहती है। 2023 की शुरूआत में इन सड़कों के सौंदर्यीकरण का कार्य पूरा करने का निर्देश दिया गया है। 540 किलोमीटर लंबी उन सड़कों का यूरोपियन तर्ज पर सौंदर्यीकरण किया जाना है, जिनकी चौड़ाई 100 फीट है।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने यह निर्देश मंगलवार को दिल्ली सचिवालय पीडब्ल्यूडी मंत्री सत्येंद्र जैन और विभाग के अधिकारियों के साथ हुई समीक्षा बैठक के दौरान दिया है। कंसल्टेंट नियुक्त होने के बाद अब दिल्ली की 100 फीट चौड़ाई वाली करीब 540 किलोमीटर लंबी सड़कों को यूरोपियन तर्ज पर सौंदर्यीकरण किया जाएगा और काम में तेजी भी आएगी। कंसल्टेंट को डिटेल प्लान के साथ सड़कों की डिजाइन बनाकर देने का निर्देश दिया गया है। इसके बाद टेंडर आदि की प्रक्रिया भी जल्द ही शुरू कर दी जाएगी।
समीक्षा बैठक के दौरान पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सड़कों के सौंदर्यीकरण को लेकर चल रही कवायद की विस्तार से जानकारी दी। कंसल्टेंट नियुक्त होने के बाद अब दिल्ली की 100 फीट चौड़ाई वाली करीब 540 किलोमीटर लंबी सड़कों का यूरोपियन तर्ज पर सौंदर्यीकरण के कार्य में तेजी आएगी। कंसल्टेंट को डिटेल प्लान के साथ सड़कों की डिजाइन बनाकर देने का निर्देश दिया गया है। इसके बाद टैंडर आदि की प्रक्रिया भी जल्द ही शुरू कर दी जाएगी।
सीएम केजरीवाल ने सड़कों को री-डिजाइन करने की परिकल्पना की है, ताकि राजधानी की सड़कें भी दुनिया के विकसित देशों की राजधानी की सड़कों की तरह खुबसूरत दिखें। सीएम के नवंबर 2019 में पीडब्ल्यूडी के अधिकार क्षेत्र में आने वाली कुछ सड़कों को री-डिजाइन करने की मंजूरी दी थी। इसके तहत दिल्ली सरकार ने 100 फीट चौड़ी और 540 किलोमीटर लंबी सड़क को यूरोपीयन शहरों की तर्ज पर खूबसूरत बनाने का फैसला किया है। अभी पायलट प्रोजेक्ट के तहत दिल्ली की 7 सड़कों को री-डिजाइन करने को मंजूरी दी गई है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में चांदनी चौक सड़क को पायलट प्रोजेक्ट के तहत दोबारा विकसित करते हुए दिल्ली की 100 फीट चौड़ी और करीब 540 किलोमीटर लंबी सड़कों तक इस योजना का विस्तार किया था।
सड़कों के री-डिजाइन करने से कई समस्याएं दूर हो जाएंगी
सड़कों के री-डीजाइन करने से बाटलनेक खत्म होंगे। अभी कोई सड़क चार लेन से तीन लेन की हो जाती है या छह लेन से चार लेन की हो जाती है। इससे अचानक सड़क पर एक जगह वाहनों का दबाव बढ़ जाता है और जाम की स्थिति पैदा हो जाती है। सड़कों के री-डिजाइन के बाद यह समस्या खत्म हो जाएगी और सड़क एक समान चौड़ी दिखेगी, इससे जाम की समस्या खत्म हो जाएगी। सड़क किनारे या आस-पास की सड़कों का स्पेस खत्म करके उस जगह का अच्छे से इस्तेमाल किया जाएगा। फुटपाथ, नाँन मोटर व्हीकल के लिए जगह बनाई जाएगी। कम से कम 5 फुट के फूटपाथ को बढ़ाकर अधिकतम 10 फुट का किया जाएगा। दिव्यांगों की सुविधा के मुताबिक फूटपाथ को डिजाइन किया जाएगा, ताकि सड़क एक जैसी दिखें और दिव्यांगों को परेशानी न हो।
सड़क पर हरियाली बढ़ेगी, नालों में री-हार्वेस्टिंग सिस्टम लागू होगा
दिल्ली में अभी सड़कों के किनारे हरियाली का दायरा कम है। सड़कों के री-डिजाइन के बाद फुटपाथ पर पेड़ लगाने के लिए जगह होगी और ग्रीन बेल्ट के लिए भी जगह होगी। आटो व ई-रिक्शा के लिए अलग से जगह और स्टैंड दिया जाएगा। सड़क के स्लोप व नालों को री-डिजाइन व री-कंस्ट्रक्ट किया जाएगा। नालों के अंदर री-हार्वेस्टिंग सिस्टम लगे होंगे। सड़क के स्लोप को ठीक किया जाएगा, ताकि बारिश के पानी को जमीन में री-चार्ज किया जा सके। स्ट्रीट फर्नीचर लगेंगे, जंक्शन को ठीक किया जाएगा और सड़क पर कोई खुला स्पेस नहीं होगा। सड़क किनारे घास या पेड़ लगाया जाएगा और सड़कों को री-सर्फेस किया जाएगा।
घास लगा कर सड़कों से खत्म किया जाएगा धूल का प्रदूषण
सड़कों के री-डिजाइन के बाद सड़क के आस-पास एक इंच जमीन भी खाली नहीं होगी, जहां पर घास न लगी हो, ताकि सड़क पर धूल से प्रदूषण बिल्कुल न हो। अभी सड़कों पर धूल उड़ने की समस्या है, जिससे लोगों को प्रदूषण की समस्या होती है। सड़क के किनारे खाली जमीन पर ग्रीन बेल्ट या घास लगाई जाएगी, ताकि हरियाली की वजह से सड़कें खूबसूरत दिखें और धूल से होने वाला प्रदूषण कम किया जा सके।