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Hindi News दिल्ली दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के 231 नए मामले, विशेषज्ञों ने बताई कम टीकाकरण की यह वजह

दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के 231 नए मामले, विशेषज्ञों ने बताई कम टीकाकरण की यह वजह

दिल्ली में मंगलवार को कोरोना वायरस संक्रमण से 10 अन्य मरीजों की मौत हो गई और संक्रमण के 231 नए मामले सामने आए। इस बीच, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि वर्तमान में राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना वायरस संक्रमण के हालात नियंत्रण में प्रतीत होते हैं।

Delhi reports 231 fresh COVID-19 cases; Jain says situation seems lot under control- India TV Hindi Image Source : PTI दिल्ली में कोरोना वायरस से 10 अन्य मरीजों की मौत हो गई और संक्रमण के 231 नए मामले सामने आए।

नयी दिल्ली: दिल्ली में मंगलवार को कोरोना वायरस संक्रमण से 10 अन्य मरीजों की मौत हो गई और संक्रमण के 231 नए मामले सामने आए। इस बीच, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि वर्तमान में राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना वायरस संक्रमण के हालात नियंत्रण में प्रतीत होते हैं। राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार को संक्रमण के 161 मामले सामने आए थे जोकि पिछले करीब नौ महीने में एक दिन में सामने आए नए मामलों में सबसे कम रहा। अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार को सामने आए नए मामलों के बाद शहर में अब तक संक्रमण के 6.32 लाख से अधिक मामले सामने आ चुके हैं जबकि अब तक इस घातक वायरस से 10,764 लोगों की मौत हुई है।

दिल्ली में हालात काफी नियंत्रण में
जैन ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा, ''संक्रमण के नए मामलों और उपचाराधीन मामले, दोनों की ही संख्या में खासी कमी आई है। अब दिल्ली में हालात काफी नियंत्रण में प्रतीत होते हैं।'' वहीं, शहर में मंगलवार को उपचाराधीन मामलों की संख्या 2,334 रही जबकि संक्रमण की दर 0.32 फीसदी थी। दिल्ली स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में 72,441 नमूनों की परीक्षण किया गया, जिनमें 231 नमूनों में संक्रमण की पुष्टि हुई। इसके मुताबिक, शहर में अब तक संक्रमण के 6,32,821 मामले सामने आ चुके हैं।

टीके के प्रतिकूल प्रभाव सामने आने के बाद कुछ लोग आशंकित
वहीं विशेषज्ञों का मानना है कि कोविड-19 टीकाकरण अभियान के पहले दिन टीके के प्रतिकूल प्रभाव के कुछ मामले सामने आने के बाद लोगों के आशंकित होने और तकनीकी समस्याएं अभियान के दूसरे दिन टीका लगवाने वाले लोगों की संख्या में कमी के कुछ कारण हो सकते हैं। दिल्ली में सोमवार को लगभग 3,600 स्वास्थ्य कर्मियों को टीके लगाए गए।

एम्स में केवल आठ स्वास्थ्य कर्मियों ने टीके लगवाए
सूत्रों के मुताबिक, एम्स में केवल आठ स्वास्थ्य कर्मियों ने टीके लगवाए। अधिकारियों द्वारा बाद में साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में दिन का लक्ष्य 8,136 टीके रखा गया था, इस प्रकार इसके केवल 44 प्रतिशत तक ही पहुंचा जा सका। अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि 26 व्यक्तियों में टीकाकरण के बाद प्रतिकूल प्रभाव (एईएफआई) के मामले सामने आए, जिनमें दो गंभीर मामले हैं और एक व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती कराया गया।

कम टीकाकरण के पीछे कई चीजों को ठहराया जा रहा जिम्मेदार
उन्होंने बताया कि एक दिन में पहले दिन दिल्ली में टीकाकरण के लिए पंजीकृत लोगों में से 53.3 प्रतिशत यानी 4,319 स्वास्थ्य कर्मियों को टीके लगाए गए। उस दिन एईएफआई का एक गंभीर और 51 मामूली मामलों की सूचना मिली। अब तक कम टीकाकरण के पीछे कई चीजों को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है, जिनमें कुछ तकनीकी समस्याएं और इसके प्रतिकूल प्रभाव को लेकर लोगों में पैदा हो रहा डर शामिल हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि एईएफआई के कई मामले सामने आने के बाद लोग आशंकित हो रहे हैं जोकि इसका एक बड़ा कारण हो सकता है।

कई लोग अपना रहे इंतजार करो और देखो की नीति
इसके अलावा, कई लोग इंतजार करो और देखो की नीति को अपना रहे हैं, इसके अलावा को-विन ऐप में भी खामियां रहीं, जो कम टीकाकरण के अन्य कारणों में शामिल हैं। राजीव गांधी अति विशिष्ट अस्पताल के चिकित्सा निदेशक बी एल शेरवाल ने कहा, ‘‘हां, एईएफआई के मामलों ने लोगों के दिमाग पर प्रभाव डाला है और इसको लेकर फैली आशंका कम टीकाकरण का कारण हो सकती है। लेकिन इसके कुछ अन्य कारण भी हैं। और, आखिरकार यह एक स्वैच्छिक कार्य है, इसलिए लोग अपनी पसंद से यह निर्णय लेते हैं। लेकिन, हम अपने अस्पताल के सभी विभाग प्रमुखों के माध्यम से स्वास्थ्य कर्मियों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि उनका आत्मविश्वास बढ़ाया जा सके।’’

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