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Hindi News दिल्ली दिल्ली में सामने आए कोविड-19 के 20 नए मामले, संक्रमण दर 0.04 प्रतिशत

दिल्ली में सामने आए कोविड-19 के 20 नए मामले, संक्रमण दर 0.04 प्रतिशत

दक्षिणी दिल्ली के इस प्रमुख निजी अस्पताल के डॉक्टरों ने यह भी दावा किया कि आने वाले महीनों में हृदय रोग का बोझ कई गुना बढ़ सकता है। उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान लॉकडाउन और गतिहीन जीवन शैली से सीवीडी के कई मामले सामने आ रहे हैं।

Delhi reports 20 COVID-19 cases; positivity rate 0.04 pc- India TV Hindi Image Source : PTI दिल्ली में सोमवार को कोविड-19 से एक भी मरीज की मौत नहीं हुई और 20 नए मामले आए।

नयी दिल्ली: दिल्ली में सोमवार को कोविड-19 से एक भी मरीज की मौत नहीं हुई और 20 नए मामले आए, जबकि संक्रमण दर 0.04 प्रतिशत रही। स्वास्थ्य विभाग द्वारा यहां साझा किए गए आंकड़ों में यह जानकारी सामने आई है। राष्ट्रीय राजधानी में सितंबर में अब तक संक्रमण से सिर्फ तीन लोगों की मौत हुई है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार, नए मामलों के साथ, शहर में कुल संक्रमण की संख्या 14,38,517 हो गई है। इसमें से 14.13 लाख से अधिक मरीज बीमारी से उबर चुके हैं। वहीं, मरने वालों की संख्या 25,085 है। दिल्ली में रविवार को संक्रमण के 28 और शनिवार को 41 मामले सामने आए थे। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, दिल्ली में अब 379 मरीज उपचाराधीन हैं।

वहीं एक प्रमुख निजी अस्पताल ने कहा है कि उसके यहां कोविड-19 के बाद हृदय संबंधी जटिलताओं के बारे में परामर्श मांगने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि हुई है। अस्पताल के डॉक्टरों ने दावा किया है कि आने वाले महीनों में हृदय रोगों का बोझ बढ़ सकता है। इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स ने एक बयान में कहा कि लॉकडाउन के चलते गतिहीन जीवन शैली ने कई लोगों में मधुमेह, उच्च रक्तचाप, धूम्रपान और तनाव में वृद्धि की है, जिससे हृदय रोगों (सीवीडी) का खतरा बढ़ गया है। देश 2020 की शुरुआत से कोविड-19 महामारी से जूझ रहा है। अप्रैल से जून तक दूसरी लहर के दौरान बहुत बुरे हालात पैदा हो गए थे। दिल्ली भी इससे बुरी तरह प्रभावित हुई, जहां बिस्तर और ऑक्सीजन संकट ने लोगों की पीड़ा को और बढ़ा दिया।

अस्पताल ने एक बयान में दावा किया, ''कोविड के बाद होने वाली मायोकार्डिटिस जैसी हृदय संबंधी जटिलताओं के बारे में परामर्श मांगने वालों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है, लिहाजा हृदय संबंधी जटिलताओं वाले रोगियों की संख्या में अपेक्षित वृद्धि दिन-ब-दिन स्पष्ट होती जा रही है।'' बयान में कहा गया है, '' संक्रमण से उबरने के बाद भी वायरस के कारण शरीर में होने वाली सूजन और क्षति के चलते लोगों को इस तरह की जटिलताओं का सामना करना पड़ रहा है। शरीर का कोई भी हिस्सा कमजोर होने पर इस तरह के नुकसान सामने आते है।”

दक्षिणी दिल्ली के इस प्रमुख निजी अस्पताल के डॉक्टरों ने यह भी दावा किया कि आने वाले महीनों में हृदय रोग का बोझ कई गुना बढ़ सकता है। उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान लॉकडाउन और गतिहीन जीवन शैली से सीवीडी के कई मामले सामने आ रहे हैं। अस्पताल ने कहा कि एक अन्य महत्वपूर्ण कारक यह है कि महामारी ने लोगों में स्वास्थ्य जांच के लिए बाहर जाने में झिझक पैदा कर दी है। कोरोनो वायरस संक्रमण की चपेट में आने के डर से अनेक लोग नियमित स्वास्थ्य जांच भी नहीं करा पाए। ऐसे में जो लोग पहले से ही हृदय संबंधी समस्याओं से पीड़ित थे, वे अब डॉक्टरों के पास जा रहे हैं। 

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