नयी दिल्ली: दिल्ली में बुधवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 37 नए मामले सामने आए जबकि संक्रमण के कारण किसी भी मरीज की मौत नहीं हुई। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी में संक्रमण दर 0.06 प्रतिशत रह गई है। बीते 24 घंटे में 47 मरीजों ने संक्रमण को मात दी है जिसके बाद संक्रमण मुक्त होने वाले मरीजों की संख्या 14,11,280 पहुंच गई है। शहर में मंगलवार को कोविड-19 के 52 नए मामले मिले थे और एक संक्रमित के दम तोड़ने की पुष्टि हुई थी और संक्रमण दर 0.08 फीसदी थी।
दिल्ली में सोमवार को कोरोना वायरस के 39 नए मामले आए थे और एक की मौत हुई थी जबकि पिछले साल अप्रैल के बाद पहली बार संक्रमण का इलाज करा रहे मरीजों की संख्या 500 से नीचे पहुंच गई थी। नए मरीज मिलने के बाद दिल्ली में कुल मामले 14,36,889 हो गए हैं और मृतक संख्या 25,068 पर स्थिर है। दिल्ली में संक्रमण का इलाज करा रहे मरीजों की तादाद 494 है जो एक दिन पहले 504 थी।
इस बीच स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि शहर में महामारी की दूसरी लहर के दौरान और उसके बाद जीनोम अनुक्रमण के लिए भेजे गए 80 प्रतिशत से अधिक कोविड नमूनों में पाए गए कोरोना वायरस के डेल्टा स्वरूप से पहले ही उबर चुकी है। मंत्री ने कहा कि केंद्र ने अभी तक ऑक्सीजन की कमी के कारण होने वाली मौतों के आंकड़े नहीं मांगे हैं और शहर में जल्द ही एक नया सीरो सर्वेक्षण किया जाएगा। पिछले साल जून के अंत में किए गए पहले सीरो सर्वेक्षण में 22.6 प्रतिशत नमूनों में कोविड एंटीबॉडी पाए गए थे।
जैन ने कहा कि 80 प्रतिशत से अधिक नमूनों को दूसरी लहर के दौरान जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजा गया और उसके बाद डेल्टा स्वरूप की मौजूदगी पाई गई। उन्होंने कहा, ‘क्योंकि डेल्टा स्वरूप भारत में उत्पन्न हुआ है, हम पहले ही दूसरी लहर के दौरान इस स्वरूप के प्रकोप का सामना कर चुके हैं। अन्य देशों को खुद को तैयार करने की जरूरत है, क्योंकि यह वहां फैल रहा है। दिल्ली पहले ही डेल्टा स्वरूप से जूझ चुकी है और उससे उबर चुकी है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने यह भी बताया है कि दिल्ली दूसरी लहर के दौरान डेल्टा वेरिएंट से जूझ रही थी। इसलिए, मुझे नहीं लगता कि यह अब हमारे लिए चिंता का कारण होना चाहिए।’
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