नयी दिल्ली: रोजाना कोविड-19 संक्रमण के औसतन 1250 नये मामले आने के साथ ही दिल्ली में एक जून से महज आठ दिन में 10,000 और मामले जुड़ गये जबकि पहले 10,000 तक मामले पहुंचने में 79 दिन लगे थे। दिल्ली सरकार द्वारा प्रदत्त आंकड़े के विश्लेषण से यह बात सामने आयी है। दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले 13 दिनों में 10,000 से 20,000 हुए थे। दिल्ली में इस संक्रमण का पहला मामला एक मार्च को सामने आया था जब पूर्वी दिल्ली का एक व्यापारी इटली से लौटने के बाद कोविड-19 संक्रमित पाया गया। दिल्ली सरकार के आंकड़े दर्शाते हैं कि अठारह मई तक राष्ट्रीय राजधानी में रोजाना औसतन करीब 127 नये मरीज सामने आने के साथ कोविड-19 के कुल मामले 10,054 हो गये थे।
अगले 13 दिनों में यह आंकडा 19,844 हो गया। जिन मरीजों की इस महामारी से जान गयी उनकी संख्या भी 18 मई के 160 से करीब तीन गुणा बढ़कर 31 मई को 473 हो गयी। दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य बुलेटिन के अनुसार सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 के मामले 29,943 पर पहुंच गये थे और इस बीमारी से 874 लोगों की जान चली गयी थी। अगले दिन कुल मामले 30,000 के पार चले गये और मौत का आंकड़ा 905 तक पहुंच गया।
तीन जून को शहर में एक दिन में सर्वाधिक 1,513 नये मामले सामने आये थे। यहां 28 मई को पहली बार 1,000 से अधिक नये मामले सामने आये। तब से लेकर 31 मई तक लगातार चार दिनों तक 1,000 से अधिक नये मरीज सामने आये। 31 मई को कोविड-19 के 1,295 नये मामले, 30 मई को 1,163 नये मामले, 29 मई को 1,106 नये मामले तथा 28 मई को 1,024 नये मामले सामने आये थे।
एक जून को कोरोना वायरस के 990 नये मरीज सामने आये थे जबकि उसके अगले दिन से यह आंकड़ा 1000 से पार रहा। मामलों में वृद्धि के बीच दिल्ली सरकार ने कहा है कि शहर में मामले फिलहाल 14 दिनों में दोगुणा हो रहे हैं और इस हिसाब से अगले दो सप्ताह में यह आंकड़ा 56,000 के पार पहुंच जाएगा।
उसने कहा कि जुलाई के आखिर तक कोविड-19 के मामले 5.5 लाख तक पहुंच जाएगा। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को कहा कि अन्य राज्यों से लोगों का इलाज के लिए यहां आना शुरू हो जाने के बाद दिल्ली में 31 जुलाई तक अस्पतालों में डेढ़ लाख बेड की जरूरत पड़ेगी।