राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की आवोहवा में सुधार नहीं हो रहा है। सरकार प्रदूषण कम करने के लिए तमाम कोशिशें कर रही है, लेकिन उसकी सभी कोशिशें नाकाम होती जा रही हैं। आज सोमवार को भी वायु गुणवत्ता सूचकांक लगातार तीसरे दिन ‘बेहद खराब’ श्रेणी में दर्ज किया गया और आने वाले दिनों में मौसम संबंधी प्रतिकूल स्थितियों के कारण इसके और बिगड़ने की आशंका है।
राजधानी दिल्ली का 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक रविवार के 339 से बढ़कर सोमवार को 354 हो गया। हालांकि शनिवार के हिसाब वायु गुणवत्ता में कुछ सुधार देखने को मिला। शनिवार को वायु गुणवत्ता 381 था। पंजाब में खेतों में पराली जलाने की घटनाएं एक दिन पहले के 599 की तुलना में सोमवार को बढ़कर 2,487 हो गईं। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान और केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तहत आने वाली पूर्वानुमान एजेंसी ‘सफर’ के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली के पीएम2.5 प्रदूषण में इसकी हिस्सेदारी रविवार के 18 फीसदी से घटकर सोमवार को 14 फीसदी रह गई।
Image Source : fileदिल्ली में नहीं सुधर रही हवा
9 नवंबर से फिर खुल जाएंगे प्राथमिक स्कूल
दिल्ली सरकार ने पिछले दो दिनों में शहर की वायु गुणवत्ता में सुधार को देखते हुए 9 नवंबर से प्राथमिक कक्षाओं को फिर से खोलने और अपने 50 प्रतिशत कर्मचारियों को घर से काम करने के आदेश को रद्द करने का सोमवार को फैसला किया। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि, दिल्ली में बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-चार4 डीजल चार पहिया वाहनों का परिचालन ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) के चरण 3 के तहत प्रतिबंधित रहेगा। दिल्ली में वायु प्रदूषण में सुधार के साथ, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने ‘ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान’ (जीआरएपी) के अंतिम चरण के तहत दिल्ली-एनसीआर में गैर-बीएस छह डीजल हल्के मोटर वाहनों के चलने और ट्रकों के राजधानी में प्रवेश करने पर लगाये गए प्रतिबंध को हटाने का निर्देश रविवार को प्राधिकारियों को दिया। इसने दिल्ली-एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) में सार्वजनिक परियोजनाओं जैसे राजमार्ग, फ्लाईओवर, बिजली पारेषण और पाइपलाइनों में निर्माण कार्य पर भी प्रतिबंध लगा दिया था। प्रतिबंधों की सिफारिश करने वाला सीएक्यूएम का आदेश बृहस्पतिवार को जारी किया गया था।