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Hindi News दिल्ली आतिशी को दिल्ली पुलिस कौन सी श्रेणी की सुरक्षा देगी? सामने आई ये बात

आतिशी को दिल्ली पुलिस कौन सी श्रेणी की सुरक्षा देगी? सामने आई ये बात

दिल्ली पुलिस द्वारा भावी मुख्यमंत्री आतिशी को सुरक्षा दी जाएगी। इसके अलावा केजरीवाल को मिली सुरक्षा की भी समीक्षा की जाएगी।

Atishi- India TV Hindi Image Source : PTI आतिशी

नई दिल्ली: दिल्ली की भावी मुख्यमंत्री आतिशी को दिल्ली पुलिस जल्द 'जेड' श्रेणी की सुरक्षा देगी। दिल्ली पुलिस सूत्रों के मुताबिक, अतिशी के शपथ लेने के बाद ये सुरक्षा दी जाएगी। अरविंद केजरीवाल को अभी 'जेड-प्लस' सुरक्षा मिली हुई है। जिसमें लगभग 40 पुलिसकर्मियों को शिफ्ट में तैनात किया गया है। 

केजरीवाल की सुरक्षा की समीक्षा होगी

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, केजरीवाल की सुरक्षा की भी समीक्षा की जाएगी क्योंकि उन्होंने अपना इस्तीफा दे दिया है। दिल्ली पुलिस सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली के मुख्यमंत्री को 'जेड' श्रेणी की सुरक्षा दी जाती है।

केजरीवाल की भरोसेमंद हैं आतिशी 

आतिशी काफी समय से केजरीवाल की भरोसेमंद और करीबी मानी जाती हैं। वह अन्ना आंदोलन के समय से ही अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के साथ जुड़ी रही हैं। महज पांच साल में आतिशी ने  अपनी काबिलियत और अपने तेज तर्रार स्वभाव से विधायक से मंत्री तक का सफर तय किया। आतिशी पहली बार साल 2020 में कालकाजी सीट से चुनाव जीतकर विधायक बनी थीं। उन्हें साल 2023 में केजरीवाल कैबिनेट में मंत्री पद मिला और अब वह दिल्ली की भावी मुख्यमंत्री हैं।

2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में आतिशी ने दक्षिणी दिल्ली के कालकाजी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था। उन्होंने भाजपा उम्मीदवार धर्मवीर सिंह को 11,422 वोटों से हराया था। बाद में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के इस्तीफे के बाद उन्हें सौरभ भारद्वाज के साथ कैबिनेट मंत्री के रूप में दिल्ली सरकार में शामिल किया गया। आतिशी का राजनीतिक सफर काफी उतार-चढ़ाव वाला रहा है।

दिल्ली की तीसरी महिला सीएम

आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला सीएम होंगी। उनसे पहले शीला दीक्षित साल 1998 से लेकर 2013 तक दिल्ली की सीएम रही थीं। शीला दीक्षित से पहले सुषमा स्वराज साल 1998 में दिल्ली की सीएम बनी थीं। सुषमा स्वराज के रूप में दिल्ली को पहली महिला सीएम मिली थीं। हालांकि वह इस पद पर केवल 52 दिनों के लिए रही थीं। दरअसल प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी की वजह से विधानसभा चुनाव से ठीक पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा को इस्तीफा देना पड़ा था। इस दौरान सुषमा स्वराज को सीएम बनाया गया था। इसके बाद हुए विधानसभा चुनावों में बीजेपी हार गई थी और फिर कांग्रेस से शीला दीक्षित दिल्ली की सीएम बनी थीं।