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दिल्ली पुलिस ने कहा, किसान शर्त मानेंगे तभी मिलेगी जंतर-मंतर पर प्रदर्शन की इजाजत

किसान यूनियन ने संसद के मौजूदा मॉनसून सत्र के दौरान जंतर-मंतर पर एक ‘किसान संसद’ का आयोजन करने की योजना बनाई है।

Farmers Protest Jantar Mantar, Delhi Police Farmers Protest, Delhi Police Farmers Protest Jantar Man- India TV Hindi Image Source : PTI किसान यूनियन ने संसद के मौजूदा मॉनसून सत्र के दौरान जंतर-मंतर पर एक ‘किसान संसद’ का आयोजन करने की योजना बनाई है।

नई दिल्ली: किसान यूनियन ने संसद के मौजूदा मॉनसून सत्र के दौरान जंतर-मंतर पर एक ‘किसान संसद’ का आयोजन करने की योजना बनाई है। योजना के मुताबिक, 22 जुलाई से प्रतिदिन सिंघू सीमा से 200 प्रदर्शनकारी जंतर-मंतर पर पहुंचेंगे। हालांकि इस बीच दिल्ली पुलिस ने बुधवार को किसानों के सामने शर्त रखी है कि वह खुद किसानों को बस में लेकर जाएगी। दिल्ली पुलिस ने कहा है कि किसानों को प्रदर्शन की इजाजत तभी दी जाएगी जब वे इस शर्त को मानेंगे। बता दें कि दिल्ली पुलिस ने किसानों को अभी तक प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी है।

‘किसानों को तमाम रोड मैप दिए गए हैं’
दिल्ली पुलिस ने कहा है कि किसानों को तमाम रोड मैप दिए गए हैं और जब वे मानेंगे तभी परमिशन दी जाएगी। उसने कहा कि अभी किसानों को रोड मैप दिया गया है और प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी गई है। दिल्ली पुलिस का कहना तमाम रोड मैप दिए हैं, और जब वे मानेंगे तभी परमिशन दी जाएगी। पुलिस की शर्तों के मुताबिक, करीब 200 के आसपास किसान गुरुवार को बसों के जरिये जंतर मंतर जाएंगे और शांतिपूर्ण प्रदर्शन करेंगे। किसानों की बस पुलिस की निगरानी में सुबह 11:30 पर जंतर मंतर पहुंचेगी और वहां चर्च साइड पर उन्हें शांतिपूर्ण तरीके से बैठाया जाएगा।

दिल्ली पुलिस ने किसानों के सामने रखी शर्त
पुलिस की शर्तों के मुताबिक, जंतर मंतर और किसानों की सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस के अलावा अर्धसैनिक बलों की 5 कंपनियां भी वहां तैनात होंगी। सभी के पहचान पत्र चेक करने के बाद ही बैरिकेड के अंदर जाने दिया जाएगा। शाम 5 बजे किसान अपना प्रदर्शन खत्म कर वापस सिंघु बॉर्डर लौट जाएंगे। पुलिस का कहना है कि इन शर्तों को मानने के बाद ही किसानों को परमिशन दी जाएगी। हालांकि दिल्ली पुलिस ने आधिकारिक तौर पर प्रदर्शन के लिए परमिशन को लेकर अब तक कुछ नहीं कहा है।

किसानों ने कही थी शांतिपूर्ण प्रदर्शन की बात
इससे पहले मंगलवार को दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के साथ बैठक में एक किसान नेता ने कहा था कि किसान कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करेंगे और कोई भी प्रदर्शनकारी संसद नहीं जाएगा जहां मॉनसून सत्र चल रहा है। नेताओं ने कहा था, ‘हम 22 जुलाई से मॉनसून सत्र समाप्त होने तक 'किसान संसद' आयोजित करेंगे और 200 प्रदर्शनकारी हर दिन जंतर-मंतर जाएंगे। प्रत्येक दिन एक स्पीकर और एक डिप्टी स्पीकर चुना जाएगा। पहले 2 दिनों के दौरान APMC अधिनियम पर चर्चा होगी। बाद में में अन्य विधेयकों पर हर दो दिन चर्चा की जाएगी।’

26 जनवरी को दिल्ली की सड़को पर हुआ था बवाल
गौरतलब है कि 3 नए कृषि कानूनों को निरस्त करने की किसान संगठनों की मांगों को उजागर करने के के लिये 26 जनवरी को आयोजित ट्रैक्टर परेड राजधानी की सड़कों पर अराजक हो गई थी, क्योंकि हजारों प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड तोड़ दिये थे, पुलिस से भिड़ गए थे और लाल किले की प्राचीर पर एक धार्मिक ध्वज फहराया था। रविवार को हुई एक बैठक के दौरान, दिल्ली पुलिस ने किसान यूनियनों से विरोध प्रदर्शन में शामिल होने वाले लोगों की संख्या कम करने के लिए कहा था, लेकिन किसान यूनियन के नेताओं ने इसे अस्वीकार कर दिया था। (पीटीआई से इनपुट्स के साथ)