नई दिल्ली: एक बार फिर दिल्ली पुलिस ने कोरोना से ग्रस्त मरीजों तक समय पर ऑक्सीजन की खेप पहुंचाकर 235 मरीजों की जान बचाई है। दिल्ली बाहरी जिले के एडिशनल DCP सुधांशु धामा और उनकी टीम पश्चिमी विहार के एक्शन बालाजी अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी होने की सूचना पर तुरंत हरकत में आ गई और आपातकालीन इंतजाम करने के साथ ही ऑक्सजीन लेकर आ रहे ट्रकों के लिए ग्रीन कॉरीडोर बनाकर उसे समय पर अस्पताल तक पहुंचाया और एक बड़े खतरे को टाल दिया। इसके लिए एडिशनल डीसीपी सुधांशु धामा और उनकी टीम की हर कोई तारीफ कर रहा है।
जानकारी के मुताबिक रात तकरीबन 11:30 बजे पश्चिमी विहार के एक्शन बालाजी अस्पताल ने दिल्ली पुलिस के अधिकारियों को यह सूचना दी कि अस्पताल में ऑक्सीजन का लिक्विड गैस का टैंक क्रिटिकल स्टेज पर पहुंच चुका है जिसके चलते अस्पताल में भर्ती कोरोना के 235 मरीजों की जान खतरे में आ गई है। अस्पताल प्रशासन ने पुलिस को यह भी बताया कि जो टैंकर 14000 लीटर ऑक्सीजन लेकर आरहा है वह ट्रक ग्रेटर नोएडा के परी चौक पर और दूसरा टैंकर जो 5500 लीटर ऑक्सीजन लेकर आ रहा है वह फरीदाबाद में कोविड-19 की पाबंदियों के चलते फंसे हुए हैं।
सुधांशु धामा ने आनन-फानन में दिल्ली पुलिस की एक टीम दिल्ली नोएडा बॉर्डर और दूसरी टीम दिल्ली फरीदाबाद बॉर्डर पर टैंकरों को लाने के लिए भेज दी इसके साथ ही एक टीम दिल्ली के बदरपुर बॉर्डर पर भी भेजी गई और साथ ही पुलिस वालों को ही आदेश दिया गया कि ऑक्सीजन लेकर जो ट्रक आ रहे हैं उनको जल्द से जल्द अस्पताल लाया जाए। ऑक्सीजन के टैंकरों को अस्पताल जल्द से जल्द पहुंचाने के लिए दिल्ली पुलिस ने बॉर्डर से अस्पताल तक का ग्रीन कोरिडोर बना दिया।
इस बीच सुधांशु धामा ने आपात स्थिति से निपटने के लिए आसपास के 4 अस्पतालों से 40 ऑक्सीजन सिलेंडरों का इंतजाम किया ताकि मरीजों की जान बचाई जा सके। इसके लिए सुधांशु धामा ने सरोज हॉस्पिटल से 10, महाराजा अग्रसेन हॉस्पिटल से 15 सिलेंडर और वसंत कुंज के आईएलबीएस अस्पताल से पांच, फॉर्टिस हॉस्पिटल से10 सिलेंडर मंगवा कर बालाजी एक्शन अस्पताल में भिजवाए ताकि किसी भी कीमत पर कोरोना के मरीजों की जान पर कोई आफत न आए।
इसके बाद ऑक्सीजन ला रहे दो टैंकरों को भी अस्पताल तक पहुंचा दिया गया। एडिशनल डीसीपी सुधांशु धामा इससे पहले भी ऑक्सीजन की कमी को पूरा करते हुए एक अस्पताल में ऑक्सीजन के 20 सिलेंडर पहुंचा कर कोरोना के कई मरीजों की जान बचा चुके हैं। सुधांशु धामा के इस काम की हर कोई तारीफ कर रहा है।