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Hindi News दिल्ली दिल्ली के स्कूलों में बार-बार बम होने की सूचना देने वाले का हुआ खुलासा, जांच के घेरे में NGO और एक पार्टी

दिल्ली के स्कूलों में बार-बार बम होने की सूचना देने वाले का हुआ खुलासा, जांच के घेरे में NGO और एक पार्टी

पुलिस अधिकारी मधुप तिवारी ने बताया कि स्कूलों के पास ई-मेल (फर्जी बम धमकी) आ रहे थे। हमने इसमें बहुत गहन जांच की थी लेकिन VPN इत्यादि का उपयोग होने के कारण हमें सुराग नहीं मिल पा रहा था। इसके कारण स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई पर बहुत असर पड़ता था।

एक निजी स्कूल में जांच करती पुलिस। फाइल फोटो- India TV Hindi Image Source : PTI एक निजी स्कूल में जांच करती पुलिस। फाइल फोटो

नई दिल्लीः दिल्ली पुलिस ने स्कूलों में बम होने की धमकी को लेकर बड़ा खुलासा किया है। स्पेशल सीपी लॉ एंड ऑर्डर मधुप तिवारी ने बताया कि स्कूलों में लगातार बम होने की धमकी को लेकर मेल आ रहे थे। इन मेल्स को ट्रैक करने के लिए टीम बनाई गई थी। टेररिस्ट एक्टिविटी के एंगल से भी जांच की। VPN के इस्तेमाल की वजह से लीड नहीं मिल रही थी। लास्ट कॉल को ट्रैक किया तो एक बच्चे के बारे में पता चला।

एक ही लड़के ने भेजा 400 स्कूलों को मेल

स्पेशल सीपी लॉ एंड ऑर्डर ने कहा कि इस बच्चे के लैपटॉप से जांच में पता चला कि इसी ने 400 स्कूलों को मेल भेजा था। जांच में पता चला कि बच्चे के अभिभावक एक NGO से जुड़े हैं और वो एक पॉलिटिकल पार्टी से भी जुड़े हैं। यह NGO अफजल गुरु को भी सपोर्ट करता है। यह NGO एक पार्टी को सोशल मीडिया पर सपोर्ट करती है। उन्होंने कहा कि अभी भी फॉरेंसिक जांच की जा रही है। पैरेंट्स के रोल की जांच की जा रही है। 

अफजल गुरु और एक पार्टी का हिमायती रहा है एनजीओ

पुलिस को शक है कि अलग-अलग दिनों पर भेजी गई धमकियों के पीछे इसका हाथ है। मधुप तिवारी ने बताया कि ये मेल 12 फरवरी 2024 से आने शुरू हुए थे। इन मेल ले कारण स्कूल डिस्टर्ब हो रहे थे।  स्पेशल सीपी लॉ एंड ऑर्डर ने कहा कि इन मेल्स को ट्रैक करने में काफी टेक्निकल दिक्कतें आ रही थी। 8 जनवरी 2025 को आयी मेल को हमने ट्रैक किया और एक बच्चे को हम पकड़ पाए।

मधुप तिवारी ने कहा कि इस बच्चे के फोन और लैपटॉप को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा तो पता चला कि इस बच्चे ने 400 से ज्यादा मेल भेजे। इस बच्चे के पिता एक NGO से जुड़े रहे हैं और ये NGO एक पॉलिटिकल पार्टी का हिमायती रहा है। हम जांच कर रहे है कि इस बच्चे के इस कृत्य के पीछे कोई राजनीतिक पार्टी का हाथ तो नहीं है, जो NGO के जरिए दिल्ली का माहौल खराब करना चाह रहे थे। ये NGO अफजल गुरु की फांसी के खिलाफ भी मुखर था।