Delhi: दिल्ली का 154 मीटर ऊंचा सिग्नेचर ब्रिज भले ही हजारों देसी और विदेशी पर्यटकों को आकर्षित कर रहा हो, लेकिन इसका दूसरा पहलू बेहद परेशान करने वाला है, क्योंकि यहां से बड़े पैमाने में आत्महत्या के मामले सामने आए हैं। दिल्ली पुलिस ने लोगों की जिंदगी बचाने की चुनौती को स्वीकार करते हुए एक प्लान बनाया है। दिल्ली पुलिस ने निजी गोताखोरों की टीम के साथ मिलकर पिछले डेढ़ साल के दौरान इस पुल से यमुना नदी में कूदकर जान देने की कोशिश करने वाले 30 लोगों को बचाया है। सुरक्षाकर्मी ऐसा करने वाले पीड़ितों को सलाह भी देते हैं और उन्हें आत्महत्या जैसा कदम न उठाने के लिए मना लेते हैं।
24 घंटे पुलिस और गोताखोरों की टीम रहती है तैनात
पुलिस के मुताबिक, ज्यादातर मामलों में महिलाएं घरेलू विवादों के चलते पुल से कूदकर जान देने की कोशिश करती हैं। पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, “यमुना पर बना सिग्नेचर ब्रिज लोगों के बीच बेहद लोकप्रिय है, जो अपने स्थान और अद्वितीय डिजाइन के कारण दिल्ली-एनसीआर आने वाले लोगों को आकर्षित करता है। लेकिन इसका दूसरा पहलू बेहद चिंताजनक है क्योंकि यहां बड़ी संख्या में आत्महत्या के मामले सामने आए हैं।” पुलिस अधिकारी ने आगे कहा, “सिग्नेचर ब्रिज पर 24 घंटे तैनात निजी गोताखोरों और तिमारपुर पुलिस थाने के कर्मियों की मदद से कई लोगों की जान बचाई गई है।”
ओल्ड वजीराबाद ब्रिज से भी की जाती हैं आत्महत्या की कोशिशें
इसी तरह, यमुना के पास एक और पुल जिसे ओल्ड वजीराबाद ब्रिज के नाम से जाना जाता है, जहां लोग आमतौर पर सूरघाट में पर्व के मौके पर पवित्र डुबकी लगाने आते हैं। वहां भी आत्महत्या की कई घटनाओं की सूचना मिली है। तिमारपुर के थाना प्रभारी त्रिभुवन नेगी के मुताबिक चूंकि पुल का रख रखाव दिल्ली पर्यटन विभाग द्वारा किया जाता है, इसलिए उन्हें किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए इसके दोनों ओर जालीदार दीवारें खड़ी करने के लिए कई पत्र लिखे गए हैं, लेकिन जब दिल्ली पर्यटन विभाग की ओर से कुछ नहीं किया गया तो पुलिस ने ही मोर्चा संभालते हुए एक तंत्र विकसित किया है, जिसके तहत आत्महत्याओं की घटनाओं को रोकने की कोशिश की जाती है।