ओला स्कूटी बेचने के नाम पर करते थे ठगी, 1000 से ज्यादा लोगों को बना चुके शिकार, दिल्ली पुलिस ने किया पर्दाफाश
दिल्ली में पुलिस ने ओला स्कूटी बेचने के नाम पर ठगी करने के एक गैंग का पर्दाफाश किया है। आरोपियों ने बेंगलुरु में रहकर ओला स्कूटी की एक फर्जी वेबसाइट डिजाइन की।
Delhi: दुनियाभर में आजकल लोगों से नए-नए तरीकों से ठगी करने का मामले सामने आ रहे हैं। ऐसा ही एक मामला दिल्ली से भी आया है। दिल्ली में पुलिस ने ओला स्कूटी बेचने के नाम पर ठगी करने के एक गैंग का पर्दाफाश किया है। जानकरी के मुताबिक इस गैंग ने करोड़ों की ठगी की है। दिल्ली पुलिस सूत्रों के मुताबिक इस मामले में 1000 से ज्यादा लोग पीड़ित हैं। सूत्रों के से मिली जानकारी के मुताबिक आरोपी देश के अलग-अलग राज्यों में बैठकर ओला स्कूटी बेचने के नाम पर ठगी का धंधा चला रहे थे।
दरअसल, 2 आरोपियों ने बेंगलुरु में रहकर ओला स्कूटी की एक फर्जी वेबसाइट डिजाइन की। इसके बाद यह गैंग उन लोगों को निशाना बनाता था जो इस वेबसाइट पर जाकर सर्च करते थे और ओला स्कूटी के बारे में जानना चाहते थे।
गैंग एसे करता था ठगी
पुलिस सूत्रों के मुताबिक जैसे ही पीड़ित इस वेबसाइट को खोलकर अपनी डिटेल डालते थे तो बेंगलुरु में बैठे दोनों आरोपी पीड़ितों की डिटेल और उनके मोबाइल नंबर दूसरे राज्यों में बैठे अपने गैंग के साथियों के साथ शेयर करते थे। जिसके बाद तेलंगाना और बिहार में बैठे गैंग के दूसरे सदस्य पीड़ितों को फोन करके ओला स्कूटी बुक करने के नाम पर ₹499 ट्रांसफर करने के लिए कहते थे।
जब पीड़ित इस गैंग के सदस्यों को ₹499 ट्रांसफर कर देते थे तो गैंग के सदस्य स्कूटी के इंश्योरेंस, स्कूटी के टैक्स और स्कूटी के ट्रांसपोर्टेशन चार्जेस के नाम पर एक-एक पीड़ित से तकरीबन 60 से 70 हज़ार रु पीड़ितों से वसूलते थे।
पतंजली के नाम पर फर्जी वेबसाइट बनाकर ठगी
हाल में एक मामला सामने आया था जिसमें बाबा रामदेव की कंपनी पतंजली के नाम पर फर्जी वेबसाइट बनाकर ठगी का धंधा चलाया जा रहा था। इस धंधे में कई युवक शामिल थे और अब तक दर्जनों लोगों को ठगी का शिकार बना चुके हैं। आरोपी अपने को उत्तराखंड के हरिद्वार स्थित पतंजलि योग ग्राम का प्रतिनिधि बताकर आयुर्वेदिक उपचार को इच्छुक लोगों को शिकार बनाते थे।
'20 फर्जी वेबसाइट की पहचान की गई'
अब बिहार से इस मामले में तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने शनिवार इसकी जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि पतंजलि योग ग्राम की 20 फर्जी वेबसाइट की पहचान की गईं और उन्हें ब्लॉक करने (प्रतिबंधित करने) के लिए उनका ब्योरा ‘नेशनल इंटरनेट एक्सचेंज ऑफ इंडिया’ को भेजा गया। पुलिस ने बताया था कि आरोपियों की पहचान हरेंद्र कुमार (25), रमेश पटेल (31) और आशीष कुमार (22) के तौर पर की गई, जो बिहार के निवासी हैं।