दिल्ली पुलिस ने जॉब रैकेट का भंडाफोड़ किया, फर्जी दस्तावेज समेत 4 गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस की न्यू दिल्ली डिस्ट्रिक्ट के पार्लियामेंट स्ट्रीट थाने ने एक जॉब रैकेट का भांडाफोड़ करते हुए 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की न्यू दिल्ली डिस्ट्रिक्ट के पार्लियामेंट स्ट्रीट थाने ने एक जॉब रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इनके पास से फ़र्ज़ी दस्तावेज, मोबाइल सिम, मोबाइल फोन के साथ-साथ जालसाज़ी के लिए इस्तेमाल किए जाने वाला लैपटॉप भी बरामद किया है।
पुलिस के मुताबिक, नलिनी नाची मुथु नाम की महिला ने 27 मार्च को पुलिस को शिकायत दी थी कि उसे 5 अक्टूबर 2020 को एक कॉल आया था कॉल करने वाले शख्स ने अपना नाम दीक्षित राज बताया था और महिला को ये कहकर अपने जाल में फंसाया की वो मिनिस्ट्री ऑफ लेबर एंड एम्प्लॉयमेंट में रजिस्टर्ड रिक्रूइटर है और उस शख्स ने महिला को यूनिट एम्बेसडर की जॉब के इंटरव्यू के झांसा दिया और कहा कि आपको जॉब मिल जाएगी, जब शिकायतकर्ता ने इसकी प्रक्रिया जाननी चाही.तो उसने उस महिला से करीब 3600 रुपए की एक ऑनलाइन फीस ज़मा करवाई और उसके बाद अगले दिन फोन वाले शख्स ने महिला से 20 हज़ार की डिमांड की।
इसके बाद पैसे मांगने का सिलसिला शुरू हो गया और एक बाद एक दीक्षित राज ने महिला से 4 लाख रुपये नौकरी का झांसा देकर वसूल किए। जिसके बाद आरोपियों ने महिला को 28 अक्टूबर 2020 को दिल्ली एक पांच सितारा होटल में इंटरव्यू के लिए बुलाया। महिला पूरी तैयारी के साथ होटल पहुंची लेकिन वहां कोई नहीं आया। इसके बाद महिला ने पार्लियामेंट स्ट्रीट पुलिस स्टेशन में इसकी शिकायत दी। मामले को गम्भीरता से लेते हुए एसएचओ अजय करन शर्मा, बोट क्लब चौकी इंचार्ज सब इंस्पेक्टर राज किरण और अन्य टीम ने सर्विलांस के जरिए पता लगाया कि जिस नम्बर महिला को कॉल किया गया है वो अरुण गिल नाम के शख्स का है जो कि दिल्ली के नांगलोई इलाके में रहता है।
पुलिस ने अर्जुन को उसके घर से हिरासत में लिया और कड़ी पूछताछ में अर्जुन ने पुलिस को बताया कि वो राहुल श्रीवास्तव नाम के शख्स का ड्राइवर है जो गुरुग्राम में रहता है। पुलिस ने अरुण को वो ऑडियो कॉल सुनाई जो शिकायतकर्ता और नौकरी देने वाले शख्स के बीच बात हुई थी। अर्जुन ने ऑडियो सुनकर बताया कि ये आवाज़ उसके बॉस राहुल श्रीवास्तव और जावेद की है। जिसके बाद अर्जुन की निशानदेही पर पुलिस ने राहुल को गुरुग्राम के सेक्टर 23 से हिरासत में ले लिया।
राहुल के पास से पुलिस को दो मोबाइल फोन और एक लैपटॉप मिला। जब पुलिस ने लैपटॉप खंगाला तो पुलिस को कई एक्सेलशीट बरामद हुई जिसमें बहुत सारे विक्टिम की डिटेल थी जो इनकी जालसाज़ी का शिकार बने थे..पुलिस को राहुल को राहुल के पास से एक्सलिटी डायलर बरामद हुआ। जिसको शातिर साइबर क्रिमिनल प्रयोग में लाते है जोकि VOIP कॉल और स्पूफ़िंग कॉल में काम करती है। इनके पास से एक नंबर मिला जो मिनिस्ट्री ऑफ लेबर एम्प्लॉयमेंट का है जोकि मिनिस्ट्री की साइट पर भी मौजूद था।
पुलिस के मुताबिक राहुल इस रैकेट का मास्टरमाइंड है जोकि फेक जॉब रैकेट चलता है। इसने सितंबर 2019 से अक्टूबर 2020 के बीच करीब 80 लाख की ठगी की है। पुलिस ने अर्जुन और राहुल की पुलिस रिमांड ली जिसके बाद इनकी निशानदेही पर मनीष और जावेद नाम के दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने इन दोनों के पास से ठगी में इस्तेमाल किए जाने वाले मोबाइल और क्रेडिट कार्ड बरामद किए।
पुलिस को पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि राहुल ही इस गैंग का मास्टरमाइंड है जो ऑनलाइन साइट से लोगों का डाटा अरेंज कर उन्हें सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देकर उनसे लाखो रुपये ठग लेता है। राहुल पहले भी 44 लोगों को ठगने के आरोप में गिरफ्तार हो चुका है।