दिल्ली में स्पेशल-26 जैसी वारदात, फर्जी पुलिस अधिकारियों ने की स्पा सेंटर्स में लूट
दिल्ली पुलिस ने ऐसे गैंग का पर्दाफाश किया है जो स्पेशल-26 की तर्ज पर फर्जी पुलिस बनकर लोगों से लूटपाट किया करते थे। गैंग के पकड़े जाने से पुलिस को कई केस में एक साथ सफलता हाथ लगी है।
दिल्ली पुलिस ने ऐसे पुलिस अधिकारियों के गैंग का पर्दाफाश किया है जो कि खुद को दिल्ली पुलिस का अधिकारी बताकर, नकली पुलिस के आईकार्ड व वायरलेस सेट के साथ दुकानों में जाकर लूट किया करते थे। एक के बाद एक ऐसी लूट की खबरों की शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने जांच शुरू की और आखिरकार पूरे गैंग का पर्दाफाश किया है। खुलासा हुआ है कि आरोपी दिल्ली पुलिस के फर्जी आईकार्ड, कपड़े, वॉकी टॉकी तक आसानी से अरेंज कर लेते थे। इन आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद अब पुलिस को कई केस में एक साथ सफलता हाथ लगी है।
कैसे हुआ खुलासा?
दिल्ली पुलिस ने सीमापुरी इलाके में एक ऐसी लूट की कॉल रिसीव कि जिसके मुताबिक कॉलर ने बताया कि वो सीमापुरी में रहते है और 25 नवंबर को 5 लोग उनके घर आए और उनसे 33000 रुपए की लूट कर ली, दो मोबाइल लूट लिए। ऐसी ही एक कॉल 22 नवंबर को पुलिस को कॉल मिली जिसमे कॉलर ने बताया कुछ लोग दिल्ली पुलिस के अधिकारी बनकर आए और उनसे 50,000 रुपए की लूट करके चले गए, इस मामले और 25 नवंबर दोनों मामले एक जैसे लगे जिसके बाद पुलिस ने एक टीम का गठन करके जांच शुरू की।
सीसीटीवी से मिला सुराग
सीसीटीवी फुटेज के हिसाब से जांच में पता लगा कि आरोपी दो अलग अलग मोटरसाइकिल पर आते है इसके बाद उनकी पहचान की गई।जांच करते हुए 22 नवंबर वाले मामले में पुलिस के हाथ एक छोटा सा कागज का टुकड़ा लगा जो आरोपी लूट करके गलती से छोड़ गए थे। इसके बाद पुलिस ने स्पेशल ब्रांच में परमिशन देने वाले अधिकारी और परमिशन मांगने वाले शख्स जो अभी नेपाल में है उससे बात की।
मास्टरमाइंड का खुलासा
जांच में पुलिस को पता लगा कि पुलिस वेरिफिकेशन फॉर्म की कॉपी शानू नाम के शख्स को दी गई थी। ये खुद को पुलिस अफसर बताकर वैरिफिकेशन कराने का वादा कर रहा था। पुलिस ने सबसे पहले शानू को दबोचा। इसके बाद दो अन्य लोगों की गिरफ्तारी हुई। आरोपी जीशान इस गैंग का मास्टरमाइंड था। पुलिस ने वॉकी टॉकी, मोटरसाइकिल, पुलिस स्टिकर, सायरन, पुलिस यूनिफॉर्म बरामद की जो क्राइम में इस्तेमाल की गई थी।
ऐसे करते थे लूट
जीशान नाम का आरोपी अपने साथी जुबेर के जरिए दिल्ली पुलिस की यूनिफॉर्म अरेंज करता था, समीर जस्ट डायल पर कॉल करके सपा मसाज सेंटर के नंबर लेता था। एक और आरोपी अमजाद फर्जी कस्टमर बनकर इन सपा सेंटर में जाता था, इसके सिग्नल के बाद बाकि गैंग मेम्बर्स जिसमे इमरान खुद को कांस्टेबल अशोक राना बताता था फर्जी आईकार्ड के साथ, जीशान उर्फ शानू खुद को सब इंस्पेक्टर जाकिर खान बताकर रेड टीम का अधिकारी बताता था। ये सबसे पहले स्पा सेंटर वालो के फोन लूटते थे और फिर स्पा सेंटर में मौजूद लोगों से पैसे लूटते थे और उनके साथ मारपीट भी करते थे।
पहले से भी दर्ज हैं मुकदमे
आरोपियों ने इसी तरह यमुना पार के कुछ और स्पा सेंटर्स में भी इन्होंने ऐसे ही फर्जी रेड करके लूट की थी। पूछताछ में इन्होंने बताया ये जस्ट डायल के जरिए वेबसाइट्स के जरिए कॉल गर्ल्स की जानकारी लेते थे और फिर इन एड्रेस पर जाकर फर्जी रेड करके लूट करते थे। आरोपी अमजद की उम्र 24 साल है पहले गए मेडिकल स्टोर में काम करता था, जीशान बेकरी में काम करता था,इमरान कैरी बैग की फैक्ट्री में काम किया करता था। इनके ऊपर लूटपाट के पहले भी कुछ मुकदमे थे।
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