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दिल्ली: हाईवे निर्माण के लिए काटे जा सकते हैं 5,100 से अधिक पेड़

पूर्वी और उत्तर-पूर्वी दिल्ली में छह लेन वाले राजमार्ग के निर्माण के लिए 14 हेक्टेयर से अधिक वन भूमि में लगे हुए 5,104 पेड़ों को काटकर दूसरे स्थान पर लगाने का प्रस्ताव है।

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नई दिल्ली: पूर्वी और उत्तर-पूर्वी दिल्ली में छह लेन वाले राजमार्ग के निर्माण के लिए 14 हेक्टेयर से अधिक वन भूमि में लगे हुए 5,104 पेड़ों को काटकर दूसरे स्थान पर लगाने का प्रस्ताव है। अधिकारियों के मुताबिक भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने छह लेन वाले दिल्ली-सहारनपुर राजमार्ग के 14.75 किलोमीटर के हिस्से के विकास के लिए दिल्ली वन विभाग से यह अनुमति मांगी है।

वन विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि अक्षरधाम राष्ट्रीय राजमार्ग-9 जंक्शन और दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा के बीच स्थित इस हिस्से पर कुल 5,104 पेड़ हैं। इन पेड़ों की प्रजातियों में शीशम, शहतूत, पीपल, चंपा, अशोक, सुबाबुल, नीम, नीलगिरी, कीकर, बेर, जामुन और गुलर शामिल हैं। अधिकारी ने कहा, “पिछले महीने एक निरीक्षण किया गया था। उपयोगकर्ता एजेंसी ने गणना के दौरान कुछ पेड़ों को छोड़ दिया था और अब उन्हें उन पेड़ों पर भी विचार करने के लिए कहा गया है।”

अधिकारी ने कहा कि एनएचएआई ने अभी तक प्रतिपूरक वनरोपण के लिए जमीन उपलब्ध नहीं कराई है। पंद्रह सौ करोड़ रुपये की यह परियोजना भारतमाला परियोजना के पहले चरण का हिस्सा है, जो देश का दूसरा सबसे बड़ा राजमार्ग निर्माण कार्यक्रम है। इसके तहत 50,000 किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया जाएगा।

केंद्रीय एजेंसी ने एनएच-148 डीएनडी महारानी बाग से जैतपुर-पुस्ता रोड खंड तक छह लेन राजमार्ग के निर्माण के लिए 0.35 हेक्टेयर वन भूमि की अनुमति मांगी है। निर्माण कार्य के दौरान बेरी, नीम, पीपल, शहतूत और सिरस सहित कुल 191 पेड़ों को स्थानांतरित करने का प्रस्ताव है।