नयी दिल्ली: दिल्ली में कोरोना वायरस का भयावह प्रकोप सामने आ रहा है। केजरीवाल सरकार के लाख दावों और प्रतिबंध के बावजूद अब मामले बेकाबू होते जा रहे हैं। एक तरफ पिछले 24 घंटे में 4 हजार से अधिक कोरोना के मामले दर्ज हुए हैं। वहीं, ओमिक्रॉन संक्रमण ने राजधानी के 10 में से 8 व्यक्ति को अपनी चपेट में ले लिया है। यानी दिल्ली में ओमिक्रॉन वेरिएंट से संक्रमितों की संख्या 81 फीसदी हैं। ये खुलासा करते हुए दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने मौजूदा हालात पर केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि अगर अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों पर समय पर प्रतिबंध लगाया गया होता तो ये हाल नहीं होता।
सत्येंद्र जैन ने बीते दिनों विधानसभा में कहा, "ओमिक्रॉन कोविड का एक प्रकार है जो विदेश से आया है और यदि समय पर उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया जाता तो फैलाव को नियंत्रित किया जा सकता था, लेकिन केंद्र सरकार ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बार-बार अनुरोध के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की।"
उन्होंने कहा, "पिछले कुछ दिनों में, जीनोम सीक्वेसिंग की 187 रिपोर्टे आई हैं, और इन 187 नमूनों में से, कुल 152 लोग ओमिक्रॉन पॉजिटिव पाए गए। अब दिल्ली में ओमिक्रॉन के लगभग 81 प्रतिशत मामले हैं।" हालांकि, मंत्री ने कहा कि दिल्ली के अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या कम नहीं है। लगभग 96 प्रतिशत कोविड बिस्तर उपलब्ध हैं और इस समय केवल 4 प्रतिशत ही भरे हुए हैं।
उन्होंने कहा कि विदेश से दिल्ली हवाईअड्डे पर आने वाले लोगों की जांच की जा रही है और यदि वे संक्रमित पाए जाते हैं तो उन्हें आइसोलेशन सुविधाओं में भेजा जा रहा है और वहीं इलाज किया जा रहा है। उन्होंने दोहराया कि अस्पतालों में पर्याप्त संख्या में बिस्तर उपलब्ध हैं और घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने अपील की, "कोरोना को रोकने का सबसे अच्छा तरीका है हर समय मास्क पहनना और हर समय कोविड से संबंधित सभी प्रोटोकॉल का पालन करना।"
उन्होंने कहा कि लगभग 100 प्रतिशत लोगों को पहली खुराक का टीका लगाया गया है और दिल्ली में लगभग 75 प्रतिशत लोगों को दूसरी खुराक का टीका लग चुका है। उन्होंने कहा, 15-18 वर्ष की आयु के बीच के बच्चों को आज से टीका लगाया जा रहा है। घबराने की कोई जरूरत नहीं है। वायरस के प्रसार को रोकने का एकमात्र तरीका यह है कि जब आप अपने घर से बाहर जा रहे हों तो हर समय हमेशा मास्क पहनें और हर समय कोविड से संबंधित सभी प्रोटोकॉल का पालन करें। रोकथाम इलाज से बेहतर है।
इनपुट- आईएएनएस