Delhi News: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में यमुना का जलस्तर बढ़ने से निचले इलाकों में खतरा बढ़ गया है। उधर, प्रशासन ने एहतियात के तौर पर निचले इलाकों से लोगों को सुरिक्षत अन्य जगह पहुंचाने की कोशिशें शुरू कर दी हैं। दिल्ली में शनिवार सुबह से यमुना नदी खतरे के निशान 205.33 मीटर से ऊपर बह रही है। बाढ़ नियंत्रण कक्ष ने बताया कि सुबह पांच बजे जलस्तर 205.99 मीटर तक पहुंच गया। ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के बाद शुक्रवार शाम राष्ट्रीय राजधानी में यमुना नदी का जलस्तर 205.33 मीटर के खतरे के निशान को पार कर गया था। इसके बाद प्रशासन के अधिकारियों ने लोगों को सुरक्षित स्थानों की ओर ले जाने के लिए वहां से उन्हें हटाने की प्रक्रिया शुरू की। संभावना है कि शाम पांच बजे के आसपास जलस्तर के 206 मीटर के निशान को छूने के बाद स्थिर हो जाएगा।
हथिनीकुड बैराज से छोड़ा गया पानी
गौरतलब है कि हथिनी कुंड बैराज से डेढ़ लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण यमुना का जलस्तर बढ़ा है। बताया जा रहा है कि यह बढ़ता जलस्तर खतरे के निशान को पार कर सकता है। बैराज से छोड़े गए पानी को राजधानी पहुंचने में आमतौर पर दो से तीन दिन लगते हैं।
जानिए कब दी जाती है बाढ़ की चेतावनी
जब यमुना चेतावनी के स्तर के ऊपर बहती है तो बाढ़ की स्थिति या चेतावनी घोषित की जाती है। इसी के साथ डूब क्षेत्र और बाढ़ संभावित इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाता है। निचले इलाकों में बाढ़ की आशंका को देखते हुए प्रशासन और सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग ने 34 नावों और सचल पंपों को तैनात किया है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, बुधवार को उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश हुई थी। इस कारण स्थिति चिंताजनक बनी। प्रशासन स्थिति पर कड़ी नज़र रखे हुए है।
बता दें कि प्रशासन ने शनिवार सुबह तक यमुना के जलस्तर के खतरे का निशान को पार करने की चेतावनी दी थी। एक अधिकारी ने कहा था कि 'यमुना में जल के और अधिक बढ़ने की संभावना है और शनिवार सुबह तक जल स्तर खतरे के निशान को पार कर सकता है।' बाढ़ नियंत्रण कक्ष ने गुरुवारर को दोपहर तीन बजे हरियाणा के यमुनानगर जिले के हथिनीकुंड बैराज से करीब 2.21 लाख क्यूसेक और मध्य रात्रि 12 बजे करीब 1.55 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने की सूचना दी थी।