Delhi News: दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी के विधायकों द्वारा विधानसभा परिसर में रात भर किए गए विरोध प्रदर्शन के बाद मंगलवार को विधानसभा सचिवालय ने एक आदेश जारी कर सांसदों और राजनीतिक पार्टियों के नेताओं के परिसर में आने पर रोक लगा दी है। जिसके बाद भाजपा नेता और दक्षिण दिल्ली से सांसद रमेश बिधूड़ी हालांकि, विधानसभा की रिसेप्शन तक आए और पत्रकारों से कहा कि उनकी पार्टी के दिल्ली से अन्य सांसद भी सचिवालय के आदेश के बावजूद सत्र में हिस्सा लेंगे। उन्हें गेट पर रोक दिया गया।
विधानसभा सचिवालय ने जारी किया आदेश
सचिवालय द्वारा जारी आदेश के मुताबिक, ‘‘विधानसभा उपाध्यक्ष ने कहा कि परिसर में सत्तारूढ़ और विपक्षी दल के सदस्य प्रदर्शन कर रहे हैं, इसलिए परिसर और उसके आसपास सुरक्षा कड़ी की जानी चाहिए ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि कोई अप्रिय घटना नहीं हो।’’ आदेश के मुताबिक विधायक के साथ केवल एक आगंतुक को परिसर में अपनी पहचान सत्यापित कराने के बाद आने की अनुमति होगी।
केजरीवाल सरकार भयभीत है- बीजेपी
इसमें कहा गया, ‘‘संसद सदस्यों और पार्टियों के नेताओं को हालांकि उनकी सुरक्षा और परिसर में बने तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए आने की अनुमति नहीं दी जाएगी।’’ आदेश की प्रति साझा करते हुए रोहिणी से भाजपा के विधायक विजेंद्र गुप्ता ने ट्वीट किया, ‘‘केजरीवाल सरकार भयभीत है! दिल्ली के सांसदों के विधानसभा में प्रवेश करने पर रोक लगा दी गई है।’’
कल विधानसभा में हुआ था जमकर बवाल
कल विधानसभा की कार्रवाई के दौरान भी उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना द्वारा खादी और ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष रहते हुए 1400 करोड़ रुपये के पुराने नोटों को बदलने के लिए अपने कर्मचारियों पर दबाव डालने के आरोपों को लेकर जमकर हंगामा हुआ। जिसके बाद सदन की कार्यवाही को बाद में दिनभर के लिए स्थगित कर दिया गया।
गौरतलब है कि आप के सदस्य उप राज्यपाल वी के सक्सेना के खिलाफ छह साल पुराने मामले में जांच कराने की मांग कर रहे हैं जबकि भाजपा उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और मंत्री सत्येंद्र जैन को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग कर रही है।