Delhi News: चाइनीज मांझे की वजह से युवक का गला कटने के बाद से दिल्ली पुलिस एक्शन में है। चाइनीज मांझा बेचने के आरोप में अब तक 22 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और दिल्ली पुलिस ने 20 के करीब एफआईआर दर्ज की हैं। गौरतलब है कि चाइनीज मांझे की वजह से 25 जुलाई को एक युवक का गला कट गया था, उसके बाद से दिल्ली पुलिस लगातार छापेमारी कर रही थी। दिल्ली के अलग-अलग जिलों में खतरनाक प्लास्टिक के मांझे के खिलाफ कार्रवाई जारी है।
बाहरी जिला में कार्रवाई
दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम बाजारों में जाकर चीनी मांझे के खिलाफ लगातार रेड कर रही है। बाहरी दिल्ली पुलिस के डीसीपी समीर शर्मा ने बताया की उनकी टीम ने अब तक 11 एफआईआर दर्ज की हैं और 11 लोगों को गिरफ्तार किया है। इस दौरान 59 अवैध चाइनीज मांझे के रोल बरामद किए गए हैं।
दक्षिणी दिल्ली
इस मौत के मांझे के खिलाफ दक्षिणी दिल्ली मे भी पुलिस एक्शन मे दिख रही है। दक्षिणी जिला पुलिस प्रतिबंधित मांझे के खिलाफ स्पेशल ड्राइव चला रही है और अभी तक 7 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से 95 चाइनीज मांझे के रोल बरामद किए गए हैं।
उत्तर पश्चिम जिला
उत्तर पश्चिम जिला पुलिस ने भी एक बड़ी रेड कर एक गोदाम से 205 कार्टन में 11 हजार 760 रोल प्लास्टिक मांझे या चाइनीज मांझे के बरामद किए हैं। पुलिस ने यहां से अमरजीत नाम के आरोपी को गिरफ्तार किया है। डीसीपी नॉर्थ वेस्ट उषा रंगनानी ने बताया कि अमरजीत इस मांझे का बड़ा व्यापारी है और कोड वर्ड से इस मांझे को बेचता था और दुकानदारों को इस मांझे की सप्लाई शाम या रात के वक्त में ही करता था। पुलिस की पूछताछ में अमरजीत ने बताया कि उसने यह मांझा नोएडा के एक व्यापारी से खरीदा है जिसके पास करीब 400 कार्टन मांझा आया था, जो उसने सूरत से मंगवाया था और एक गोदाम किराए पर लिया था जहां से ये मांझा दिल्ली में सप्लाई हो रहा था।
द्वारका जिला
बांका जिले में भी इस मामले में कार्रवाई करते हुए 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनके पास से 41 रोल प्रतिबंधित मांझा मिला है। यह कार्रवाई द्वारका नॉर्थ और डाबरी थाना क्षेत्र में की गई है। दिल्ली सरकार ने 10 जनवरी 2017 को एक नोटिफिकेशन जारी कर इसके बेचने, बनाने, इसको जमा करके रखने सप्लाई करने और इम्पोर्ट पर भी बैन लगा दिया था। ये वो मांझा होता है जो नाइलोन, प्लास्टिक या किसी भी सिंथेटिक मैटेरियल से बना हो या फिर कभी कभी मांझे को मजबूत बनाने के लिए उस पर मैटेलिक पाउडर या फिर शीशे का पाउडर लगाया जाता है। ये इंसानों और पक्षियों के लिए बेहद घातक होता है।