Delhi News: यमुना नदी में गंदे नाले को बहने से रोकने के लिए दिल्ली सरकार ने सभी अनऑथोराइज्ड कॉलोनियों और गांवों को सीवर प्रणाली से जोड़ने का फैसला किया है। एक आधिकारिक बयान में शनिवार को यह जानकारी दी गई। बयान के मुताबिक, दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इस संबंध में दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) की कई परियोजनाओं को मंजूरी दी है। बयान में कहा गया है कि इन परियोजनाओं के तहत दिल्ली सरकार भूजल प्रवाह का आकलन करने के लिए नवनिर्मित झीलों पर एक अध्ययन करेगी। इसमें कहा गया है कि रोहिणी झील नंबर 1 और 2 की मौजूदा क्षमता को भी बढ़ाया जाएगा।
गंदे पानी के बेहतर उपचार में मदद मिलेगी
बयान में सिसोदिया के हवाले से कहा गया है, “केशोपुर फेज-1 एसटीपी (सीवेज शोधन संयंत्र) की क्षमता 12 एमजीडी से बढ़ाकर 18 एमजीडी की जाएगी, जिससे गंदे पानी के बेहतर उपचार में मदद मिलेगी।” बयान के अनुसार, दिल्ली सरकार संत नगर, सिंघु, शाहबाद, प्रधान एन्क्लेव और कुरेनी जीओसी को घरेलू सीवर कनेक्शन से जोड़ने के लिए एक ‘चैंबर’ बनाएगी।
10 गांव और 64 कॉलोनियां सीवर कनेक्शन से जुड़ेंगी
इसमें बताया गया है कि यह कदम 10 गांवों और 64 कॉलोनियों को घरेलू सीवर कनेक्शन से जोड़ेगा। बयान के मुताबिक, पानी की बर्बादी को रोकने के लिए दिल्ली सरकार अलीपुर गेस्ट हाउस से संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर तक पुरानी पाइपलाइनों को बदलकर नयी पाइपलाइन भी बिछाएगी।