Delhi News: भारतीय जनता पार्टी ने शराब घोटाले को लेकर आम आदमी पार्टी की सरकार पर करार हमला बोला है। बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने दावा किया कि, दिल्ली सरकार ने आबकारी नीति में हुए उल्लंघनों और एक विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों को नजरअंदाज किया था।
भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि दिल्ली की आबकारी नीति के अनुसार शराब के उत्पादक, खुदरा विक्रेता और वितरक एक नहीं हो सकते। इतना ही नहीं, इनसे जुड़ी कंपनियों के निदेशक और हितधारक भी एक नहीं हो सकते। उन्होंने दावा किया कि 25 अक्टूबर, 2021 को दिल्ली के आबकारी विभाग द्वारा ऐसे कुछ मामलों को सरकार के संज्ञान में लाया गया था, जिनमें उत्पादक, खुदरा विक्रेता और वितरक एक समान थे लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।
'सरकार ने सभी सुझावों को नजरअंदाज किया'
भाजपा सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने कहा कि, एक विशेषज्ञ समिति ने सुझाव दिया था कि शराब की ब्रिकी बढ़ाने के लिए प्रचार-प्रसार नहीं किया जाना चाहिए लेकिन दिल्ली सरकार ने शराब के एक कार्टन पर एक कार्टन मुफ्त देना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि, "समिति ने सुझाया था कि आबकारी नीति में कर्नाटक के मॉडल को अपनाया जाना चाहिए जिसमें थोक व्यापार का काम सरकार का होगा।" समिति ने कहा था कि व्यक्ति विशेष को एक से अधिक लाइसेंस नहीं दिया जा सकता है। प्रवेश वर्मा ने आरोप लगाया कि समिति ने गांवों और कॉलोनियों में जहां व्यापारिक बाजार नहीं है, वहां शराब की दुकानें ना खोलने का सुझाव दिया था लेकिन सरकार ने सभी सुझावों को नजरअंदाज किया।
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'जो सवाल उठाए जा रहे हैं वह नीतिगत हैं ना कि राजनीतिक'
इसके साथ ही बीजेपी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से इन आरोपों का स्पष्ट जवाब मांगा और कहा कि जो सवाल उठाए जा रहे हैं वह नीतिगत हैं ना कि राजनीतिक। त्रिवेदी ने कहा, ‘‘जवाब हमें आबकारी नीति पर चाहिए। ना तो ईमानदारी की बात करिए और ना ही बिरादरी की।’’ वर्मा ने आप नेताओं पर तंज कसते हुए कहा, ‘‘शिक्षा मंत्री से जब हम केमिस्ट्री का सवाल पूछते हैं तो वह हिस्ट्री का जवाब देते हैं।’’