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Hindi News दिल्ली Delhi News: 'AAP' का मतलब आम आदमी पार्टी नहीं बल्कि ‘अरविंद एडवर्टाइजमेंट पार्टी' - कांग्रेस

Delhi News: 'AAP' का मतलब आम आदमी पार्टी नहीं बल्कि ‘अरविंद एडवर्टाइजमेंट पार्टी' - कांग्रेस

Delhi News: कांग्रेस पार्टी ने दावा किया कि, 2015 में आप सरकार ने दिल्ली में विज्ञापन के माध्यम से 81 करोड़ रुपये अलग-अलग अखबारों और टीवी चैनलों को दिए थे, फिर 2017-18 में 117 करोड़ रुपये, 2019 में 200 करोड़ रुपये, 2021-22 में करीब 490 करोड़ रुपये के विज्ञापन दिए गए।

Congress- India TV Hindi Image Source : FILE Congress

Delhi News: दिल्ली की राजनीति में जुबानी जंग रुकने का नाम नहीं ले रही है। अभी तक यह जंग भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस में चल रही थी लेकिन अब इस मैदान में कांग्रेस पार्टी भी उतर आई है। कांग्रेस ने मंगलवार को आम आदमी पार्टी पर विज्ञापन वाली राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा कि इस पार्टी को ‘अरविंद एडवर्टाइजमेंट पार्टी’ कहना उचित रहेगा। 

पार्टी प्रवक्ता अजय कुमार ने कहा कि, दिल्ली सरकार के शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार को लेकर किए गए दावे गलत हैं और इसका पूरा जोर विज्ञापनों पर रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘अपना काम बनता, भाड़ में जाए जनता। यह ‘अरविंद एडवर्टाइजमेंट पार्टी’, ‘अरविंद एक्टर्स पार्टी’ या ‘अरविंद ऐश पार्टी’ की हकीकत है। इस पार्टी की विज्ञापन वाली राजनीति है जिस पर बात करना जरूरी है।’’ 

दिल्ली में विज्ञापन के माध्यम से 81 करोड़ रुपये अखबारों और टीवी चैनलों को दिए

कुमार ने दावा किया, ‘‘2015 में आप सरकार ने दिल्ली में विज्ञापन के माध्यम से 81 करोड़ रुपये अलग-अलग अखबारों और टीवी चैनलों को दिए थे, फिर 2017-18 में 117 करोड़ रुपये, 2019 में 200 करोड़ रुपये, 2021-22 में करीब 490 करोड़ रुपये के विज्ञापन दिए गए। शीला दीक्षित के कार्यकाल के दौरान दिल्ली सरकार का विज्ञापन का बजट मात्र 11 करोड़ रुपये वार्षिक था।’’ उन्होंने यह दावा भी किया कि कुछ महीने पहले पंजाब में बनी आम आदमी पार्टी की सरकार प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों को वेतन नहीं दे पा रही है, लेकिन उसने चैनलों और अखबारों को विज्ञापन देने पर दो महीनों में 36 करोड़ रुपये खर्च किये हैं। 

छात्र ऋण योजना के विज्ञापन पर 19 करोड़ खर्च किए

कांग्रेस नेता ने कहा कि, ‘‘दिल्ली में आप सरकार ने छात्र ऋण योजना के विज्ञापन पर 19 करोड़ खर्च किए थे, लेकिन इस योजना के अंतर्गत सिर्फ 2 छात्रों को ऋण दिया गया। दिल्ली की आप सरकार ने स्टबल डी-कम्पोजर के विज्ञापन पर 23 करोड़ खर्च किए, लेकिन स्टबल डी-कम्पोजर पर मात्र 5 लाख रुपये का काम हुआ है।’’ कुमार ने सवाल किया कि दिल्ली की आप सरकार का अगर शिक्षा मॉडल बढ़िया है, तो फिर सरकारी स्कूल को बच्चे छोड़कर निजी स्कूलों में क्यों जा रहे हैं? 

उन्होंने कहा कि, ‘‘शीला दीक्षित की सरकार के दौरान 12वीं कक्षा में उत्तीर्ण छात्रों का प्रतिशत 90 था, जो अब इस तथाकथित शिक्षा मॉडल में गिर कर 81 प्रतिशत पर आ चुका है।’’ कांग्रेस नेता ने दावा किया, ‘‘अरविंद केजरीवाल बोलते रहते हैं कि उन्होंने 10 लाख नौकरी दी हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि 2018 में मात्र 1 व्यक्ति को नौकरी, 2019 में 260 लोगों को नौकरी और 2020 में 23 लोगों को नौकरी मिली।’’