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Hindi News दिल्ली Delhi NCR: दिल्ली NCR में ग्रेप लागू, पॉल्यूशन से बचाने के लिए अब और कड़े हुए नियम

Delhi NCR: दिल्ली NCR में ग्रेप लागू, पॉल्यूशन से बचाने के लिए अब और कड़े हुए नियम

Delhi NCR: दिल्ली NCR में कूड़ा जलाने पर पूरी तरीके से रोक रहेगी। इसके साथ ही निर्माण सामग्री को ढक कर रखना होगा। सड़कों को नियमित रूप से मशीन से सफाई कर पानी का छिड़काव करना होगा।

Grape implemented in Delhi NCR- India TV Hindi Image Source : AP Grape implemented in Delhi NCR

Highlights

  • AQI 300 से अधिक होते ही डीजल जनरेटर के संचालन पर पूरे NCR में पूरी तरीके से रोक रहेगी
  • ग्रेप के लागू होते ही पूरे NCR में औद्योगिक संगठनों में रोष है।
  • औद्योगिक संगठन प्रदूषण विभाग के दफ्तर के बाहर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं

Delhi News: ग्रेडेड एक्शन रिस्पांस प्लान (ग्रेप) पूरे एनसीआर में लागू कर दिया गया है। दिल्ली एनसीआर में बढ़ते एयर पॉल्यूशन को नियंत्रित करने के लिए इस साल ग्रेप में कई नियमों में बदलाव किया गया है। सबसे पहला और बड़ा बदलाव तो ये है कि हर साल ग्रेप को 15 अक्टूबर से लागू किया जाता था, वह 15 दिन पहले 1 अक्टूबर से ही दिल्ली एनसीआर में लागू कर दिया गया है। पहले ही दिन यानी 1 अक्टूबर को नोएडा में ग्रेप नियम को तोड़ने वालों पर 2 लाख रूपये का जुर्माना लगाया गया।

ग्रेप के लागू होते ही AQI 300 से अधिक होते ही डीजल जनरेटर के संचालन पर पूरे NCR में पूरी तरीके से रोक रहेगी। बड़ी-बड़ी सोसाइटियों में, अस्पताल, होटलों में लगे एस्केलेटर और लिफ्ट को चलाने के लिए सिर्फ 2 घंटे ही डीजल जनरेटर चलाने की छूट दी गई है। और जैसे-जैसे एक्यूआई बढ़ेगा वैसे-वैसे पाबंदियां और भी बढ़ती जाएंगी।

दफ्तर के बाहर धरना प्रदर्शन

ग्रेप के लागू होते ही पूरे NCR में औद्योगिक संगठनों में बहुत ज्यादा रोष है। नोएडा, ग्रेटर नोएडा, दिल्ली में तमाम औद्योगिक संगठन जगह जगह पर प्रदूषण विभाग के दफ्तर के बाहर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। उनके मुताबिक उन्हें डीजल जेनरेटर सेट चलाने की छूट दी जाए। नहीं तो उनकी औद्योगिक इकाइयों पर बहुत ज्यादा असर पड़ेगा।

50,000 का लग सकता है जुर्माना

गौतमबुद्ध नगर की अगर बात करें तो इस पूरे जिले में करीब 20,000 से अधिक छोटी बड़ी औद्योगिक इकाइयां है। जिन पर इस ग्रेप सिस्टम का असर साफ तौर पर देखा जा सकता है और सबसे बड़ी बात है कि अगर नियमों का उल्लंघन किया तो तुरंत 50,000 रूपए का जुर्माना लगाया जाएगा।

गौतमबुद्ध नगर के क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी प्रवीण कुमार के मुताबिक, जिला प्रशासन के नेतृत्व में प्रदूषण विभाग की 4 टीमों के अलावा प्राधिकरण के अधिकारियों की कुल 14 टीमें प्रदूषण वा ग्रेप नियमों की निगरानी के लिए बनाई गई हैं। इनमें तीनों प्राधिकरण के अधिकारियों को अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है। अगर कोई भी नियमों का उल्लंघन करता हुआ पाया गया तो उस पर 50,000 रूपये का जुर्माना लगाया जाएगा।

किस तरह के उपकरण चलाए जा सकते है?

ग्रेप सिस्टम लागू होते ही AQI 300 से अधिक होने पर CNG, PNG और LPG जनरेटर के संचालन पर छूट रहेगी। साथ ही ऐसे जनरेटर जिनमें र्रिटोफिट इमर्शन कंट्रोल डिवाइस (आरईसीडी) और ड्यूल फ्यूल किट लगी है, उन्हें चलाने पर छूट रहेगी। दोनों डिवाइस के लगने से डीजल इंजन से प्रदूषण 90 प्रतिशत कम हो जाता है।

AQI 300 से अधिक होने पर डीजल जनरेटर पर रोक रहेगी। सोसाइटी में सिर्फ लिफ्ट चलाने के लिए 24 घंटे में सिर्फ 2 घंटे डीजल जनरेटर चलाने की छूट होगी। दिल्ली एनसीआर में ज्यादातर औद्योगिक इकाइयों में डीजल जनरेटर लगे हैं अभी तक उद्यमी जनरेटर को सीएनजी और पीएनजी में परिवर्तित नहीं कर सके हैं। ऐसे में उद्योगों पर ग्रेप का काफी असर देखने को मिलेगा।

किन-किन बातों का रखना होगा ध्यान

ग्रेप लागू होने के बाद कूड़ा जलाने पर पूरी तरीके से रोक रहेगी और कूड़ा जलाने वाले पर जुर्माना लगाया जाएगा। निर्माण सामग्री को ढक कर रखना होगा। सड़कों को नियमित रूप से मशीन से सफाई कर पानी का छिड़काव करना होगा। निमार्णाधीन साइटों पर एंटी स्मॉग गन लगानी होगी। एक्यूआई 400 के ऊपर पहुंचने पर निर्माण और ध्वस्तीकरण का काम बंद कर दिया जाएगा।

इसके साथ साथ होटल व ढाबों में तंदूर, लकड़ी व कोयले का उपयोग इंधन के रूप में करने पर पाबंदी होगी। अस्पताल में से निकलने वाले बायो मेडिकल वेस्ट का निस्तारण करना होगा।

प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर लगेगा जुर्माना

गौतमबुद्ध नगर जिले में करीब 8 लाख 26 हजार से अधिक वाहन पंजीकृत हैं। इनमें अकेले दो पहिया वाहनों की संख्या 5 लाख से अधिक है। जबकि 2 लाख 41 हजार चार पहिया वाहन हैं। 21 हजार से अधिक मालवाहक, 1 लाख 20 हजार टैक्सी, 7000 ट्रैक्टर समेत अन्य वाहन हैं। इसके अलावा 1 लाख 24 हजार ऐसे पेट्रोल और डीजल वाहन हैं जिनकी 10 और 15 साल की उम्र पूरी हो चुकी है। यह वाहन अब चलने लायक नहीं है। ऐसे वाहनों को पकड़े जाने पर परिवहन विभाग सीधे जब्त करने की कार्रवाई करेगा।

प्रदूषण से क्या हो सकता है नुकसान

बढ़ते हुए प्रदूषण से बच्चे बुजुर्गों समेत सभी को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है और सभी लोग इस बढ़ते प्रदूषण से खुद को बचा कर रखने की कोशिश करते हैं। लेकिन अक्सर यह देखने को मिलता है कि प्रदूषण के चक्कर में बुजुर्गों और बच्चों को सांस संबंधी बहुत ज्यादा प्रॉब्लम होती है। प्रदूषण के कारण लोगों को आंखों में जलन, टीवी, कैंसर, शारीरिक रूप से कमजोरी, बच्चों के विकास पर प्रभाव, गर्भपात, समय से पहले प्रसव, मृत्यु दर में बढ़ोतरी आदि समस्याएं बढ़ सकती हैं।

गौतमबुद्ध नगर में कई हॉट स्पॉट को किया गया है चिन्हित

गौतमबुद्ध नगर में कई ऐसे सेक्टर और कई ऐसे हॉटस्पॉट हैं जिन्हें चिन्हित किया गया है जहां पर सबसे ज्यादा प्रदूषण होता है। ऐसी जगहों पर पहले से ही नियमों को कड़ाई से लागू कराया जा रहा है ताकि प्रदूषण लोगों को परेशान ना करें। इन हॉटस्पॉट में सेक्टर-51, 52, सेवन एक्स, डीएफसीसी, एफएमजी, सेक्टर 150, सेक्टर 78, अंडरपास निर्माण स्थल, दादरी रोड, पुराने औद्योगिक रोड, फेज 1 और 2, नोएडा सिटी सेंटर, सेक्टर 62 समेत कुल 25 स्थानों को हॉटस्पॉट चयनित किया गया है।