नई दिल्ली: दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण की तीसरी लहर आने की आशंका है। दिल्ली सरकार आगामी एक सप्ताह तक दिल्ली में कोरोना वायरस के नए मामलों का आंकलन कर रही है। इस सरकारी आंकलन के बाद कोरोना की तीसरी लहर के बारे में आधिकारिक तौर पर कोई ठोस जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। कोरोना की तीसरी लहर के मुद्दे पर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने गुरुवार को कहा, मेरे ख्याल से अभी एक सप्ताह इंतजार करना होगा, उसके बाद ट्रेंड बता सकेंगे। इसको कोरोना की तीसरी लहर कहना अभी थोड़ी जल्दबाजी होगी, लेकिन ऐसा हो भी सकता है।
सत्येंद्र जैन ने कहा, "दिल्ली सरकार ने रणनीति में बदलाव किया है। कोविड-19 की जांच और संपर्क में आए लोगों का बेहद तेजी से पता लगाने जा रहे हैं। कोविड-19 मरीजों के पूरे परिवार और करीबी संपर्कों की जांच हो रही है। यहां तक कि ऐसे लोगों की भी जांच की जा रही है जिनमें संक्रमण के लक्षण नहीं हैं, इसलिए संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी दिख रही है। कोविड-19 के मामलों में दैनिक बढ़ोतरी का जो अनुमान लगाया है, संख्या उस स्तर तक शायद न पहुंचे, लेकिन हम तैयार रहना चाहते है।"
उन्होंने यह भी कहा कि कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी के कारण यह कहना बहुत जल्दबाजी है कि क्या ‘तीसरी लहर’ आ गई है। दिल्ली सरकार का यह भी मानना है कि दिल्ली में कोरोना वायरस की दूसरी लहर आ चुकी है। साथ ही दूसरी लहर का पीक भी दिल्ली देख चुकी है। दिल्ली सरकार के मुताबिक अब कोरोनावायरस की दूसरी लहर का पीक धीरे धीरे ढलान की ओर है। यानी आने वाले दिनों में दिल्ली में कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी देखी जा सकती है।
दिल्ली सरकार के मुताबिक एक्सपर्ट्स का कहना है कि दिल्ली में कोरोना वायरस की दूसरी लहर आई थी और अब इसका पीक भी जा चुका है। बुधवार को दिल्ली में रिकॉर्ड 5,673 मामले सामने आए। दिल्ली में कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या 3,70,014 हो गई। कोरोना संक्रमण के दौरान वायु प्रदूषण जानलेवा साबित हो सकता है। इसी को देखते हुए दिल्ली सरकार ने कई अहम निर्णय लिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा,यह वायु प्रदूषण जानलेवा हो सकता है। खासतौर पर इस कोरोना संक्रमण के साल में। कोरोना फेफड़ों पर हमला करता है, ऐसे में प्रदूषित वायु खतरनाक साबित हो सकती है। इसलिए हमने दिल्ली में प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई छेड़ने का अभियान शुरू किया है। इस अभियान का नाम 'युद्ध प्रदूषण के विरुद्ध है'।
इन निर्णयों के तहत दिल्ली के सभी कंस्ट्रक्शन स्थलों पर धूल उड़ने से रोकने के उपाय किए जाएंगे। सड़क किनारे उड़ने वाली धूल को नियंत्रित किया जाएगा। दिल्ली के अंदर कूड़ा या आग से फैलने वाले वायु प्रदूषण को रोका जाएगा। इसके साथ ही प्रदूषण नियंत्रण के लिए एक और रूम ही बनाया जा रहा है।