नयी दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी के अलग-अलग एंट्री पॉइंट्स पर जुटे हजारों प्रदर्शनकारियों को शुक्रवार को नॉर्थ दिल्ली ग्राउंड में शांतिपूर्ण विरोध-प्रदर्शन की इजाजत मिल गई। इससे सुबह से ही शहर की सीमाओं पर जो तनाव की स्थिति थी वह कम हो गई है। हालांकि, शहर के बॉर्डर पर ऊहापोह की स्थिति है। इस बीच दिल्ली मेट्रो ने केन्द्र के नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च के कारण कई स्थानों पर कुछ घंटे के लिए सेवाओं के बाधित रहने के बाद शुक्रवार की शाम को सभी मार्गों पर सेवाओं को फिर से बहाल कर दिया।
दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) ने ट्वीट किया, ‘‘शाम पांच बजकर 35 मिनट पर सभी कॉरिडोर पर सेवाएं सामान्य हो गई।’’ उन्होंने बताया कि शनिवार को सभी लाइनों पर सेवाएं नियमित रहेंगी। दिल्ली मेट्रो ने शुक्रवार की सुबह सुरक्षा कारणों से ‘ग्रीन लाइन’ पर छह मेट्रो स्टेशनों पर निकास और प्रवेश द्वार बंद करने की घोषणा की थी।
डीएमआरसी ने ट्वीट किया था, ‘‘ग्रीन लाइन पर ब्रिगेडियर होशियार सिंह, बहादुरगढ़ सिटी, पंडित श्री राम शर्मा, टीकरी बॉर्डर, टीकरी कलां और घेवरा स्टेशनों के प्रवेश और निकास द्वार अब बंद कर दिए गए हैं।” दिल्ली मेट्रो अधिकारियों ने पहले घोषणा की थी कि पड़ोसी शहरों की सेवाएं शुक्रवार को निलंबित रहेंगी।
डीएमआरसी ने कहा था, ‘‘दिल्ली पुलिस के परामर्श के अनुसार, मेट्रो सेवाएं केवल दिल्ली से एनसीआर खंडों की ओर उपलब्ध होंगी। हालांकि अगली सूचना तक सुरक्षा कारणों से एनसीआर स्टेशनों से दिल्ली की ओर से सेवाएं उपलब्ध नहीं होंगी लेकिन दिल्ली से एनसीआर खंडों की ओर उपलब्ध होंगी।”
‘दिल्ली चलो’ मार्च के तहत सिंघू बॉर्डर पर पहुंचे किसानों के एक समूह को तितर-बितर करने के लिए दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को आंसू गैस के गोले दागे। दिल्ली और हरियाणा को जोड़ने वाली सीमा पर नरेला में किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे गए।
सीमा पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई और रेत से भरे ट्रक तथा पानी के टैंक भी वहां तैनात किये गये थे। प्रदर्शनकारियों को शहर में प्रवेश करने से रोकने के लिए सिंघू बॉर्डर पर बाड़ लगाने के वास्ते कांटेदार तार का भी उपयोग किया गया। किसान नये कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि नये कानून से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था समाप्त हो जाएगी।