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Hindi News दिल्ली अब इस तारीख को और बंद रहेंगे दिल्ली के ठेके, लेकिन इस त्यौहार वाले दिन नहीं रहेगा ड्राई डे

अब इस तारीख को और बंद रहेंगे दिल्ली के ठेके, लेकिन इस त्यौहार वाले दिन नहीं रहेगा ड्राई डे

दिल्ली में हर रोज लगभग 18 लाख शराब की बोटों की बिक्री होती है। इससे लगभग हर रोज 21 करोड़ रुपये से ज्यादा की इनकम होती है। सरकार के राजस्व का सबसे बड़ा जरिया ही शराब है।

 दिल्ली के ठेके - India TV Hindi Image Source : INDIA TV दिल्ली के ठेके

नई दिल्ली: दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के ड्राई डे को लेकर एक बड़ा बदलाव किया है। जहां शुक्रवार यानि 24 नवंबर को पहले ड्राई डे नहीं था लेकिन सरकार ने इस दिन को गुरु तेग बहादुर के शहीदी दिवस के चलते आज भी ड्राई डे घोषित कर दिया और अब सोमवार 27 नवंबर को भी दिल्ली के ठेके बंद रहेंगे। हालांकि दिल्ली सरकार ने ईसाईयों के सबसे पवित्र त्यौहार क्रिसमस वाले दिन ड्राई डे को लेकर भी एक बड़ा फैसला लिया है।

दिल्ली सरकार के नए आदेश के अनुसार, अब क्रिसमस यानि 25 दिसंबर को दिल्ली के ठेके खुले रहेंगे। वहीं इससे पहले 29 सितंबर को जारी अपने आदेश में विभाग ने अक्टूबर-दिसंबर के दौरान छह ड्राई डे घोषित किए थे, जिसमें 25 दिसंबर भी शामिल था, जब क्रिसमस मनाया जाएगा। लेकिन सरकार के नए आदेश के अनुसार अब क्रिसमस के दिन भी दिल्ली के ठेके खुले रहेंगे।

ड्राई डे का क्या होता है मतलब

सरकार या प्रशासन की तरफ से किसी विशेष त्योहार या मौके पर जिस दिन के लिए पूरे शहर या राज्य में शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया जाता है, वह दिन ड्राई डे कहलाता है। इस दिन किसी भी सूरत में शराब की बिक्री नहीं हो सकती है। इसका पालन नहीं करने पर शराब दुकान के ओनर या वहां काम कर रहे कर्मचारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाती है। दुकान का लाइसेंस रद्द भी किया जा सकता है।

दिल्ली में शराब की बिक्री

सरकार ने पिछले वित्तीय वर्ष 2022-23 में 62 करोड़ से ज्यादा शराब की बोतलें बेचकर 6,821 करोड़ रुपये का राजस्व कमाया था। इससे पहले दिल्ली सरकार ने 2021-22 में शराब की बिक्री पर उत्पाद शुल्क और वैट से 6,762 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया था। हाल की बिक्री का ट्रेंड देखें तो हाल में बीती दिवाली के पखवाड़े में दिल्ली में 526 करोड़ रुपये की शराब की बिक्री हुई। दिल्ली सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के अपने बजट में कुल राज्य उत्पाद शुल्क संग्रह 7365 करोड़ रुपये 53565 करोड़ रुपये के टैक्स रेवेन्यू के राजस्व का लगभग 14 प्रतिशत होने का अनुमान लगाया है।