Delhi Liquor Scam: ऐसे शुरू हुई दिल्ली में शराब घोटाले की जांच, सिसोदिया समेत ये हैं 15 किरदार, जानें यहां
Delhi Liquor Scam: जांच के आदेश के साथ मौजूदा एलजी विनय कुमार सक्सेना का एक पत्र भी अटैच किया गया, जिसमें दिल्ली सरकार की ओर से 2021-22 की एक्साइज की नई नीतियों को एप्लाई करने के मामले में गड़बड़ियों का जिक्र था।
Highlights
- आबकारी की नई नीतियों को अप्लाई करने में गड़बड़ियों का जिक्र
- MHA के डायरेक्टर प्रवीण कुमार राय ने दिए जांच करने के आदेश
- अकाउंट्स में फर्जी एंट्री कर अपना रिकॉर्ड ठीक दिखा रहे थे
Delhi Liquor Scam: दिल्ली सरकार की पूर्व एक्साइज पॉलिसी को लेकर के CBI की टीम ने शुक्रवार को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के घर छापेमारी की। यानी दिल्ली सरकार ने 2021-22 की जो नई एक्साइज नीति लागू करवाई थी, इस मामले में गड़बड़ियों की शिकायतों को लेकर एमएचए (MHA) के डायरेक्टर प्रवीण कुमार राय ने सीबीआई से इस मामले की तफ्तीश करने के आदेश जारी किए। जांच के आदेश के साथ मौजूदा एलजी विनय कुमार सक्सेना का एक पत्र भी अटैच किया गया, जिसमें दिल्ली सरकार की ओर से 2021-22 की एक्साइज (आबकारी) की नई नीतियों को अप्लाई करने के मामले में गड़बड़ियों का जिक्र था।
सिसोदिया और एक्साइज के पूर्व अफसरों का रोल
पत्र में दिल्ली के मौजूदा डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, एक्साइज विभाग के तत्कालीन कमिश्नर अरवा गोपी कृष्णा, डिप्टी कमिश्नर एक्साइज आनंद तिवारी, असिस्टेंट कमिश्नर पंकज भटनागर ने एक्साइज की ये नई पॉलिसी की सिफारिश की और बिना कन्सर्न अथॉरिटी की परमिशन लिए साल 2021-22 में ये पॉलिसी अप्लाई करवाई, जिसका मकसद लाइसेंस धारियों को अनुचित लाभ पहुंचाना था।
कारोबारियों और सिसोदिया के करीबियों का रोल
भरोसे के सूत्रों से सीबीआई (CBI) को ये जानकारी मिली कि ओनली मच लाउडर ( जो कि एक एंटरटेनमेंट और इवेंट मैनेजमेंट कंपनी है ) इसके पूर्व सीओ विजय नायर, Pernod Ricard कंपनी के पूर्व कमर्चारी मनोज राय, Brindco Spirits के मालिक अमनदीप ढल, Indospirit के मालिक समीर महेंद्रू 2021-22 की नई एक्साइज पॉलिसी बनाते हुए उसमें गड़बड़ी करने और इस पॉलिसी को लागू करने में इनका अहम रोल है।
क्रेडिट नोट्स जारी कर होती थी फर्जी अकाउंट्स में एंट्री
सीबीआई को अपने सोर्सेस से जानकारी मिली कि L1 लाइसेंस होल्डर्स, रिटेल वेंडर्स को क्रेडिट नोट्स जारी कर रहे हैं, जिसका मकसद सरकारी अधिकारियों को फायदा पहुंचाने के लिए फंड्स डायवर्ट करना था, इसके बदले में ये अकाउंट्स में फर्जी एंट्री कर अपना रिकॉर्ड ठीक दिखा रहे थे।
आरोपी अमित अरोड़ा मेसर्स buddy रिटेल्स प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर, दिनेश अरोड़ा और अर्जुन पांडे जो कि मनीष सिसोदिया के बेहद करीबी हैं, सभी गलत तरीके से एक्साइज अधिकारियों को अपने प्रभाव में लेकर शराब के लाइंसेंस अलग-अलग कंपनियों को दिलवा रहे हैं।
पैसों का ऐसे हुआ ट्रांजेक्शन
आरोपी समीर महेंद्रू जो कि मेसर्स इंडोस्प्रिट्स के एमडी हैं उन्होंने 1 करोड़ रुपये मेसर्स राधा इंडस्ट्रीज के राजेंद्र प्लेस स्थित यूको बैंक के अकाउंट में ट्रांसफर किए हैं। राधा इंडस्ट्री मनीष सिसोदिया के बेहद करीबी दिनेश अरोड़ा की है। वहीं, दिनेश अरोड़ा जो कि मनीष सिसोदिया के बेहद करीबी हैं, यानी शक है कि दिनेश के जरिए लाभ मनीष सिसोदिया तक पहुंचा।
एफआईआर (FIR) में ये भी लिखा गया है कि आरोपी अरुण रामचंद्र पिल्लई गलत तरीके से पैसा इकट्ठा कर पब्लिक सर्वेंट यानी एक्साइज अधिकारियों को पहुंचाया करता था विजय नायर नाम के एक शख्स के जरिए। अर्जुन पांडे ने एक बार तकरीबन 2 से 4 करोड़ रुपये इंडोस्प्रिट के मालिक समीर महेंद्रू से विजय नायर के जरिए लिए भी थे। विजय नायर इन लोकसेवकों (एक्साइज अधिकारी) का मीडिएटर और करीबी बताया जाता है।
एफआईआर के मुताबिक, महादेव लिकर्स को भी L1 लाइसेंस जारी किया गया था। इस फर्म में सनी मारवा ऑथेराइज्ड सिग्नेटरी है। साथ ही सनी मरवा इसलिए भी अहम है, क्योंकि वो उन कंपनियों में भी डायरेक्टर के पद पर है, जो कि स्वर्गीय पोंटी चड्डा से संबधित है। बताया गया है कि सनी मारवा एक्साइज अधिकरियों के बेहद करीबी था और उन्हें गलत तरीके से अक्सर लाभ भी पहुंचाया करता था।
शुरुआती जांच में ये सभी आरोपी
- मनीष सिसोदिया, उपमुख्यमंत्री
- अरवा गोपी कृष्णा, पूर्व एक्साइज कमिश्नर
- आनंद तिवारी, पूर्व एक्साइज डिप्टी कमिश्नर
- पंकज भटनागर, पूर्व असिटेंट एक्साइज कमिश्नर
- विजय नायर, Only Much Louder कंपनी का पूर्व सीओ
- मनोज राय, Pernod Ricard कंपनी का पूर्व कमर्चारी
- Brindco Spirits के मालिक अमनदीप
- Indospirit के मालिक समीर महेंद्रू
- अमित अरोड़ा, डायरेक्टर, बडी रिटेल प्राइवेट लिमिटेड
- बडी रिटेल प्राइवेट लिमिटेड
- दिनेश अरोड़ा, गुजरावाला टाउन, दिल्ली
- महादेव लिकर, ओखला इंडस्ट्रियल एरिया, दिल्ली
- सनी मारवाह, ऑथोराइज्ड सिग्नेटरी, महादेव लिकर
- अरुण रामचंद्र पिल्लई, बेंग्लुरु, कर्नाटक
- अर्जुन पांडेय, गुरुग्राम, डीएलएफ
ये सभी आरोपी आईपीसी की धारा 120 बी, 477 और प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट 1988 के तहत इन पर केस दर्ज किया गया है और इसकी जांच सीबीआई के ऑफिसर आलोक कुमार शाही, डीएसपी, एसीबी, सीबीआई को दी गई है।