दिल्ली शराब घोटाले में गिरफ्तार मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल 1 अप्रैल तक प्रवर्तन निदेशालय (ED) की हिरासत में ही रहेंगे। ईडी ने केजरीवाल की आगे की हिरासत के लिए दायर अपने आवेदन में कहा है कि एजेंसी के बार-बार समन को नजरअंदाज करने से भी अपराध में उनकी संलिप्तता का अतिरिक्त अनुमान लगाया गया है। राउज एवेन्यू कोर्ट ने बाद में केजरीवाल की ईडी हिरासत 1 अप्रैल तक बढ़ा दी, क्योंकि उनकी मौजूदा 6 दिन की ईडी रिमांड गुरुवार को खत्म हो रही थी।
'केजरीवाल ने जानबूझकर इन समन की अवज्ञा की'
इसने अपनी रिमांड याचिका में कहा, ''दिनांक 30.10.2023, 18.12.2023, 22.12.2023, 12.01.2024 और 31.01.2024, 14.02.2024, 21.02.2024, 26.02.2024 और 16.03.2024 को समन जारी करके जांच में सहयोग करने के कई अवसर देने के बाद भी अरविंद केजरीवाल ने जानबूझकर इन समन की अवज्ञा की है और बयान दर्ज कराने के लिए खुद पेश नहीं हुए।''
इसमें कहा गया, "इस संबंध में एसीएमएम, राउज एवेन्यू कोर्ट के समक्ष आईपीसी की धारा 174 के तहत एक अलग शिकायत भी दायर की गई है। समन की अवहेलना करने के आचरण से भी इस अपराध में अरविंद केजरीवाल की संलिप्तता का अतिरिक्त अनुमान लगाया जाता है। इसके अलावा, 21 मार्च को पीएमएलए की धारा 17 के तहत एक बयान दर्ज किया गया है, जहां उन्होंने सच्चाई का खुलासा नहीं किया है और न ही सही तथ्य दिए हैं।''
'असली घोटाला तो ED की जांच के बाद हुआ है'
इससे पहले सीएम केजरीवाल ने खुद अपनी दलीलें रखीं। केजरीवाल ने कहा, ''ये केस दो साल पहले से चल रहा है। अगस्त 2022 में सीबीआई ने केस फाइल किया था फिर ईडी ने केस दर्ज किया और मुझे गिरफ्तार किया है। न मुझे किसी कोर्ट ने दोषी ठहराया है और न ही आरोप तय हुए हैं।'' केजरीवाल ने इस दौरान मामले में गिरफ्तार चार आरोपियों के बयान का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, ''मैं केवल ये जानना चाहता हूं, क्या ये चार बयान एक मुख्यमंत्री को गिरफ्तार करने के लिए काफी हैं?'' उन्होंने कहा, "असली घोटाला तो ईडी की जांच के बाद हुआ है। एक मकसद था आम आदमी पार्टी को क्रश करना। एक माहौल बनाना कि आम आदमी पार्टी भ्रष्टाचारी है।" (IANS)
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