दिल्ली शराब घोटाले में आम आदमी पार्टी (AAP) के पूर्व मीडिया प्रभारी और आरोपी विजय नायर को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने ईडी मामले में विजय नायर को जमानत दी है। विजय नायर 23 महीने से जेल में बंद हैं। मनीष सिसोदिया के केस का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दी है। सीबीआई के मामले में विजय नायर पहले ही जमानत पर हैं। विजय नायर अब जेल से बाहर आएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने के. कविता और मनीष सिसोदिया की जमानत को आधार बनाया।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में विजय नायर को जमानत दी और कहा कि स्वतंत्रता ‘अनुल्लंघनीय’ होती है। समन्वय पीठ द्वारा उल्लेखित ‘जमानत नियम है, जेल अपवाद है’ के कानूनी सिद्धांत को मानते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि मुकदमे से पूर्व जेल में बंद करना सजा नहीं हो सकती। न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी की पीठ ने कहा कि नायर धन शोधन मामले में पिछले 22 महीने से जेल में हैं जहां अधिकतम सजा 7 साल की है। पीठ ने 12 अगस्त को नायर की जमानत अर्जी पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) से जवाब मांगा था।
शराब घोटाले में पहली गिरफ्तारी
एजेंसी ने 13 नवंबर, 2022 को नायर को गिरफ्तार किया था। नायर ने निचली अदालत के 29 जुलाई के आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें उनकी स्वाभाविक जमानत की याचिका को खारिज कर दिया गया था। दिल्ली हाई कोर्ट ने पिछले साल 3 जुलाई को धन शोधन मामले में नायर और अन्य सह-आरोपियों को जमानत देने से इनकार कर दिया था। धन शोधन का मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की एक प्राथमिकी से उपजा है, जो अब रद्द कर दी गई दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं के मामले में उपराज्यपाल वी के सक्सेना द्वारा की गई जांच की सिफारिश के बाद दर्ज की गई थी। बता दें कि विजय नायर उन लोगों में से एक हैं, जिन्हें शराब घोटाले में सबसे पहले गिरफ्तार किया गया था। सीबीआई ने नायर को मनीष सिसोदिया का करीबी बताया था।
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