Delhi Liquor Policy: दिल्ली में एक अगस्त से निजी शराब और बीयर की दुकानों के बंद होने के चलते शराब की भारी किल्लत हो सकती है। अरविंद केजरीवाल सरकार ने नयी आबकारी नीति 20221-22 को वापस लेने का फैसला किया है। शहर में संचालित 468 निजी शराब की दुकानें लाइसेंस की अवधि और नई आबकारी नीति 31 जुलाई को समाप्त होने के बाद एक अगस्त से बंद हो जाएंगी। इसलिए शहर भर के निजी शराब की दुकानों ने अपने बचे हुए स्टॉक को बेचने के लिए भारी छूट और ‘एक के साथ एक मुफ्त या एक के साथ दो मुफ्त’ जैसे ऑफर दे रहे थे।
दिल्ली सरकार ने नई आबकारी नीति वापस ले ली है -उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया
नई नीति के समाप्त होने के साथ, शहर में निजी तौर पर संचालित शराब की दुकानों के अलावा होटल, क्लब और बार वाले रेस्तराओं तथा थोक संचालन के लिए जारी किए गए उत्पाद लाइसेंस भी बेकार हो जाएंगे। शराब व्यापार विशेषज्ञों के अनुसार, इसका मतलब है कि 31 जुलाई के बाद जब तक सरकार द्वारा कुछ वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की जाती, तब तक थोक विक्रेताओं से पूरे आतिथ्य क्षेत्र और खुदरा विक्रेताओं को शराब की आपूर्ति नहीं होगी। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इससे पहले दिन में कहा कि दिल्ली सरकार ने नई आबकारी नीति वापस ले ली है और केवल सरकारी दुकानों से शराब बेचने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि सरकारी शराब की दुकानों के खुलने से पहले इस अवधि में शहर में कोई अव्यवस्था न हो और साथ ही अवैध शराब की बिक्री पर भी लगाम लगे।
शराब की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली सरकार की तरफ से कोई जवाब नहीं आया
नई आबकारी नीति को वापस लिए जाने के बाद शहर में शराब की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए की जा रही व्यवस्थाओं के बारे में दिल्ली सरकार या उसके आबकारी विभाग की ओर से कोई जवाब नहीं आया। नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष कबीर सूरी ने कहा कि उभरती स्थिति पर “स्पष्टता की कमी” है और दिल्ली सरकार के आगे के निर्देशों के बाद ही चीजें स्पष्ट होंगी। आबकारी नीति 2021-22 के कार्यान्वयन में नियमों के कथित उल्लंघन और प्रक्रियात्मक खामियों में उपराज्यपाल द्वारा सीबीआई जांच की सिफारिश किए जाने के बड़े बदलाव के चलते शहर में शराब की पूरी आपूर्ति श्रृंखला के बाधित होने की आशंका है।