दिल्ली में 25,000 पद खाली, 7 महीने के अंदर 20,000 भर्तियां होंगी, जानें राज्यपाल ने क्या-क्या कहा
विनय सक्सेना ने साफ किया है कि आने वाले सात महीने के अंदर उनका लक्ष्य 20 हजार भर्तियां करने का है। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि दिल्ली में 25000 पद खाली हैं, जिन्हें जल्द ही भरा जाएगा।
देश की राजधानी दिल्ली में आने वाले सात महीनों में 20 हजार लोगों को नौकरी मिलने की उम्मीद है। यह उम्मीद खुद दिल्ली राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने दी है। उन्होंने शुक्रवार के दिन 628 लोगों को नियुक्ति पत्र दिए। इनमें 27 डॉक्टर भी शामिल थे। इसके साथ ही विनय कुमार सक्सेना ने ऐलान किया कि आने वाले समय में दिल्ली में बंपर भर्तियां होने वाली हैं।
विनय कुमार सक्सेना ने कहा "पिछले 2 सालों में हमने 17,000 से ज्यादा लोगों को नियुक्ति पत्र दिए हैं। आज 628 लोगों को नियुक्ति पत्र दिए गए हैं, जो अलग-अलग विभागों से हैं। इनमें 27 डॉक्टर भी शामिल हैं। प्रधानमंत्री का सपना है कि ज्यादा से ज्यादा युवाओं को रोजगार मिले और ये प्रक्रिया जारी रहेगी। हमारा लक्ष्य मार्च 2025 तक कम से कम 20,000 और लोगों को नियुक्त करना है। अलग-अलग विभागों में 25,000 से ज्यादा पद खाली हैं। जैसा कि मैंने कहा, इसकी प्रक्रिया बहुत तेजी से चल रही है।"
शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी दर 6.6 फीसदी
देश में वित्त वर्ष 2024-25 की अप्रैल-जून तिमाही में शहरी क्षेत्रों में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों की बेरोजगारी दर 6.6 प्रतिशत रही। वित्त वर्ष 2023-24 की जून तिमाही में बेरोजगारी दर 6.6 प्रतिशत ही थी। एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, 23वें आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) से पता चलता है कि 2023-24 की जनवरी-मार्च तिमाही में शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी दर 6.7 प्रतिशत थी। सर्वेक्षण के मुताबिक, शहरी क्षेत्रों में महिलाओं (15 वर्ष और उससे अधिक आयु) में बेरोजगारी दर अप्रैल-जून, 2024 में नौ प्रतिशत रही, जो एक साल पहले इसी तिमाही में 9.1 प्रतिशत थी। यह दर जनवरी-मार्च, 2024 में 8.5 प्रतिशत थी।
पिछले साल के मुकाबले कम हुई बेरोजगारी
शहरी क्षेत्रों में पुरुषों में बेरोजगारी दर अप्रैल-जून में घटकर 5.8 प्रतिशत रह गई, जो एक साल पहले इसी तिमाही में 5.9 प्रतिशत थी। यह आंकड़ा जनवरी-मार्च, 2023 में 6.1 प्रतिशत था। दूसरी ओर 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों के लिए शहरी क्षेत्रों में चालू साप्ताहिक स्थिति (सीडब्ल्यूएस) में श्रम बल भागीदारी दर अप्रैल-जून में बढ़कर 50.1 प्रतिशत हो गई, जो एक साल पहले इसी तिमाही में 48.8 प्रतिशत थी। अखिल भारतीय स्तर पर, शहरी क्षेत्रों में अप्रैल-जून, 2024 के दौरान कुल 5,735 एफएसयू (शहरी फ्रेम सर्वेक्षण से निकाली गई शहरी नमूना इकाई) का सर्वेक्षण किया गया।
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