नई दिल्ली: दिल्ली के उपराज्यपाल द्वारा आप सरकार के दो विवादास्पद फैसलों को पलटे जाने से उत्पन्न तनाव के बीच अनिल बैजल ने आज सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इसमें अन्य मुद्दों के साथ कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने को लेकर उठाए जाने वाले कदम पर विचार-विमर्श किए जाने की संभावना है। यह बैठक दोपहर 3 बजे हो सकती है। बता दें कि सोमवार को कोरोना वायरस के 1,007 नए मरीज सामने आए। इसके बाद राष्ट्रीय राजधानी में संक्रमितों की संख्या करीब 30 हजार तक पहुंच गई, जबकि संक्रमण ने अब तक 874 लोगों की जान ले ली है।
इससे पहले दिल्ली सरकार द्वारा संचालित अस्पतालों और निजी अस्पतालों को नगरवासियों के लिए आरक्षित किए जाने और सिर्फ लक्षण वाले मरीजों के लिए ही कोरोना वायरस जांच के आदेश को पलटने पर आम आदमी पार्टी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आरोप लगाया कि भाजपा ने उन पर दबाव डाला है और पार्टी इस मुद्दे पर "गंदी राजनीति" कर रही है।
उपराज्यपाल के इस फैसले पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अस्पतालों के संबंध में आप सरकार के आदेश को पलटने से शहर के लोगों के लिए बड़ी समस्या और चुनौती पैदा हो गयी है। उपराज्यपाल ने कहा कि दिल्ली में कोई भी इलाज करा सकता है और बिना लक्षण वाले लोगों की भी जांच की जानी चाहिए। इस कदम से आप सरकार और उपराज्यपाल कार्यालय के बीच टकराव बढ़ सकता है।
बैजल ने अपने पहले आदेश में स्पष्ट किया कि उच्चतम न्यायालय ने कई फैसलों में कहा है कि स्वास्थ्य का अधिकार' संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन के अधिकार का अभिन्न अंग है। उपराज्यपाल ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में स्थित सभी सरकारी और निजी अस्पतालों तथा नर्सिंग होम और क्लीनिकों को दिल्ली के निवासी या गैर-निवासी के बीच किसी भेदभाव के बिना सभी कोरोना वायरस रोगियों का इलाज करना है।
उन्होंने अपने दूसरे आदेश में केवल लक्षण वाले रोगियों के लिए कोरोना वायरस की जांच के आप सरकार के आदेश को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि आईसीएमआर द्वारा निर्धारित सभी नौ श्रेणियों के लोगों की राष्ट्रीय राजधानी में जांच की जानी चाहिए। उपराज्यपाल के इस फैसले पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अस्पतालों के संबंध में आप सरकार के आदेश को पलटने से शहर के लोगों के लिए बड़ी समस्या और चुनौती पैदा हो गयी है।