Delhi News: दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली नगर निगम (MCD) को निर्देश देकर यह सुनिश्चित करने को कहा कि चांदनी चौक स्थित एक स्थल पर निर्माण नहीं हो। एक अवासीय क्षेत्र के परिसर में अवैध और अनधिकृत वाणिज्यिक निर्माण किए जाने के आरोप पर अदालत ने यह निर्देश दिया। अदालत आयुक्त ने हाई कोर्ट को बताया कि निरीक्षण के दौरान सीमेंट की बोरियों समेत बड़ी मात्रा में निर्माण सामग्री निर्माण स्थल पर मिली।
किसी प्रकार का कोई निर्माण नहीं होगा- पीठ
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने कहा, "यह स्पष्ट किया जाता है कि किसी प्रकार का कोई निर्माण नहीं होगा और एमसीडी अदालत के इस आदेश का कड़ाई के साथ पालन सुनिश्चित करेगा।" अदालत चांदनी चौक के कटरा नील निवासी एस जेटली की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें आरोप लगाया है कि आवासीय क्षेत्र बाग दीवार में अनधिकृत और अवैध वाणिज्यिक निर्माण किया जा रहा है।
मामले में अगली सुनवाई अब 19 दिसंबर को होगी
निर्माण स्थल के मालिकों ने अदालत के समक्ष कहा कि वे कोई निर्माण कार्य या मरम्मत कार्य नहीं कराएंगे और अदालत के आदेश का पालन करेंगे। अदालत इस मामले में अगली सुनवाई अब 19 दिसंबर को करेगी।
एमसीडी के वकील ने कहा था कि निचली अदालत ने बिल्डर को निर्माण स्थल पर मामूली मरम्मत कार्य करने की अनुमति दी थी, लेकिन आदेश की आड़ में एक इमारत की संरचना में बदलाव करके इसे एक वाणिज्यिक परिसर में परिवर्तित किया जा रहा था। इसके बाद अदालत ने इस मामले में संपत्ति का निरीक्षण करके विस्तृत रिपोर्ट देने के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति की थी।