Delhi News: दिल्ली हाई कोर्ट ने आम आदमी पार्टी (आप) और इसके कई नेताओं को उप राज्यपाल विनय सक्सेना पर 'झूठे' आरोप लगाने से बचने के लिए मंगलवार को निर्देश दिया। साथ ही अदालत ने उन्हें सोशल मीडिया पर उपराज्यपाल के खिलाफ कथित मानहानिकारक पोस्ट, वीडियो और ट्वीट हटाने के लिए भी कहा। दरअसल ‘आप’ और इसके नेताओं ने उपराज्यपाल पर 1,400 करोड़ रुपये के कथित घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया था। न्यायमूर्ति अमित बंसल ने अंतरिम राहत देते हुए कहा, “मैं वादी के पक्ष में फैसला सुनाता हूं।” विस्तृत आदेश की प्रतीक्षा की जा रही है।
2.5 करोड़ रुपये के हर्जाने और मुआवजे की भी मांग
उपराज्यपाल ने इसके अलावा ‘आप’, इसके नेताओं आतिशी सिंह, सौरभ भारद्वाज, दुर्गेश पाठक, संजय सिंह और जैस्मीन शाह को अपने और परिवार के खिलाफ सोशल मीडिया पर साझा किए गए झूठे व मानहानिकारक पोस्ट, ट्वीट या वीडियो हटाने का निर्देश देने की भी अपील की थी। उन्होंने ‘आप’ और उसके पांच नेताओं से ब्याज सहित 2.5 करोड़ रुपये के हर्जाने और मुआवजे की भी मांग की है।
‘आप’नेताओं ने क्या लगाया था आरोप?
‘आप’ नेताओं ने आरोप लगाया था कि सक्सेना ने नवंबर 2016 में खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) का अध्यक्ष रहते हुए चलन से बाहर हो चुकी मुद्रा हासिल करके उसे नयी मुद्रा में परिवर्तित कराया था। पार्टी ने आरोप लगाया था कि सक्सेना 1,400 करोड़ रुपये के घोटाले में शामिल थे।