3300 जमातियों को क्वॉरन्टीन सेंटर से रिहा करने की मांग, क्राइम ब्रांच ने 150 से अधिक लोगों के बयान किए दर्ज
तबलीगी जमात से संबंधित सभी व्यक्तियों को तत्काल रिहा करने की मांग को लेकर आज यानी गुरुवार (14 मई) को दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई।
नई दिल्ली। तबलीगी जमात से संबंधित सभी 3300 व्यक्तियों को तत्काल रिहा करने की मांग को लेकर आज यानी गुरुवार (14 मई) को दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई। याचिका में आरोप लगाया गया कि क्वारंटाइन सेंटर के नाम पर उन्हें 35 दिनों से ज्यादा समय तक हिरासत में रखा गया है। मामले में सुनवाई कल (15 मई) होगी।
वकली शाहिद अली द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि सरकार अपने काम में विफल रही है और अपने कर्तव्यों का पालन सही ढंग से नही कर रही है। याचिका में कहा गया है कि क्वॉरन्टीन के नाम पर जबरन कैद में रखना न्यायसंगत नहीं है और यह केंद्र सरकार के नियमों का पूरी तरह से उल्लंघन है।
याचिका में कहा गया है कि मरकज हजरत निजामुद्दीन में एकत्रित हुए लगभग 3300 जमातियों को कोरोना वायरस की वजह से विभिन्न क्वॉरन्टीन सेंटर में भेजा गया था और अब 40 दिन बीत जाने और कोविड-19 टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी इन्हें छोड़ा नहीं गया है। याचिका में कहा गया है कि न्यायालय सरकार को निर्देश दे कि 14 दिन के क्वॉरन्टीन अवधि के नियम का पालन सुनिश्चित किया जाए और एक उच्च स्तरीय समिति इस बात की जांच करे कि जमातियों को इतने दिनों तक कैद कर रखना क्या संविधान के खिलाफ है।
सामाजिक कार्यकर्ता सबीहा क़ादरी ने याचिका में आरोप लगाया है कि कई लोगों को अवैध तरीके से पृथक-वास केंद्रों में रखा गया है और इन केंद्रों में रह रहे कई लोगों ने प्राधिकारियो को पत्र लिखे हैं लेकिन उन पर विचार नहीं किया गया। वकील शाहिद अली के जरिए दायर की गई इस याचिका के अनुसार प्राधिकारी अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में नाकाम रहे हैं और उन्होंने इसमें लापरवाही बरती है।
इसमें कहा गया है कि पृथक-वास के नाम पर लगातार हिरासत में रखना न्यायोचित नहीं है और यह केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन है। याचिका में कहा गया है, तबलीगी जमात के कुल 3,288 लोगों को पृथक-वास केंद्रों में रखा गया है और अभी तक वहां से किसी को छुट्टी नहीं दी गई है जबकि वे संक्रमित नहीं हैं और कई सदस्यों की लगातार आई तीन रिपोर्ट में उनके संक्रमित नहीं होने की पुष्टि हो गई है।
क्राइम ब्रांच ने 150 से ज्यादा जमातियों के बयान दर्ज किए
सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने 150 से ज्यादा जमातियों के बयान दर्ज किए हैं। जमातियों ने बताया कि 20 मार्च के बाद मौलाना साद के कहने पर मरकज के अंदर रुके थे, जबकि कुछ जमाती कोरोना के डर से बाहर निकलना चाहते थे। मौलाना साद ने अभी तक सरकारी अस्पताल में कोरोना का टेस्ट नहीं करवाया है। कोविड 19 की टेस्ट रिपोर्ट न मिलने के कारण क्राइम ब्रांच मौलाना साद से पूछताछ नहीं कर पा रही है।
तबलीगी जमात के विदेशी लोगों पर ऐक्शन, करीब 700 का पासपोर्ट जब्त
बता दें कि, दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन मरकज कार्यक्रम में तबलीगी जमात से जुड़े कई लोग शामिल हुए थे। कोरोना वायरस लॉकडाउन के बीच तबलीगी जमात के विदेशी सदस्यों को पुलिस ने झटका दिया है। कोरोना का क्वॉरंटाइन पूरा कर चुके इन लोगों के पासपोर्ट और बाकी ट्रेवल डॉक्यूमेंट जब्त कर लिए गए हैं। ये वही लोग हैं जो लॉकडाउन के बीच निजामुद्दीन मरकज के कार्यक्रम में शामिल हुए थे। मामले की जांच कर रही दि पुलिस इनसे पूछताछ करेगी।
तबलीगी जमात से जुड़े हजारों लोगों ने हाल ही में अपना कोरोना क्वारंटाइन पूरा किया था। दिल्ली सरकार ने पिछले हफ्ते जिलाधिकारियों को यह निर्देश दिया था कि वे तबलीगी जमात के 2,446 सदस्यों को पृथक-वास केन्द्रों से छोड़ दें यानी सबको घर जाने की इजाजत मिल गई थी। इसमें भारत के अलग-अलग राज्यों के जमातियों को घर जाने की छूट थी।