दिल्ली हाई कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के पूर्व कैबिनेट मंत्री सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका खारिज कर दी है। अदालत ने मामले में सह आरोपी वैभव जैन और अंकुश जैन की जमानत याचिका भी खारिज कर दी है। जैन को प्रवर्तन निदेशालय ने पिछले साल 30 मई को इस मामले में गिरफ्तार किया था और इस वक्त वह तिहाड़ जेल में बंद हैं। सत्येंद्र जैन पर चार कंपनियों के जरिए धन शोधन करने का आरोप है।
हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था
हाई कोर्ट ने जांच एजेंसी और 'आप' नेता के वकील की दलीलें सुनने के बाद 21 मार्च को जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। सत्येंद्र जैन ने इससे पहले अदालत से कहा था कि उनके खिलाफ कोई मामला नहीं बनता और वह जांच में सहयोग कर रहे हैं। साथ ही जैन ने तर्क दिया था कि मामले में आरोप पत्र दाखिल होने के बाद उन्हें कैद में रखने की जरूरत नहीं है।
जैन ने निचली अदालत में फैसले को चुनौती दी थी
'आप' नेता ने पिछले साल 17 नवंबर को निचली अदालत द्वारा दिए फैसले को चुनौती दी थी। निचली अदालत ने अपराध में जैन की संलिप्तता को पहली नजर में संकेत मिलने के आधार पर जमानत देने से इनकार कर दिया था। सत्येंद्र जैन के अलावा निचली अदालत ने सह अभियुक्तों वैभव जैन और अंकुश जैन की जमानत अर्जी भी खारिज कर दी थी।
जैन धनशोधन मामले में दोषी मालूम होते हैं: कोर्ट
अदालत ने कहा कि जैन ने जानबूझकर अपराध को छिपाया और वह पहली नजर में धनशोधन के मामले में दोषी मालूम होते हैं। हाई कोर्ट ने वैभव जैन और अंकुश जैन की जमानत याचिका पर भी फैसला सुरक्षित रखा था। तीनों की जमानत का ईडी ने अदालत के समक्ष विरोध किया था।
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