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Hindi News दिल्ली दिल्ली हाई कोर्ट ने छेड़छाड़ के तीन आरोपियों के खिलाफ दर्ज FIR की रद्द, 150 पौधे लगाने की रखी शर्त; जानें पूरा मामला

दिल्ली हाई कोर्ट ने छेड़छाड़ के तीन आरोपियों के खिलाफ दर्ज FIR की रद्द, 150 पौधे लगाने की रखी शर्त; जानें पूरा मामला

दिल्ली हाई कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए छेड़छाड़ और मारपीट के तीन आरोपियों के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द कर दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने आरोपियों को 150 पौधे लगाने का आदेश दिया है।

दिल्ली हाई कोर्ट ने छेड़छाड़ की FIR की रद्द।- India TV Hindi Image Source : FILE दिल्ली हाई कोर्ट ने छेड़छाड़ की FIR की रद्द।

नई दिल्ली: एक महिला के साथ छेड़छाड़ और उसे चोट पहुंचाने के आरोपी एक व्यक्ति और उसके दो बेटों के खिलाफ दर्ज एफआईआर को दिल्ली हाई कोर्ट ने रद्द कर दिया है। कोर्ट ने एफआईआर रद्द करते हुए कहा कि परिवारों ने आपसी सहमति से विवाद हल कर लिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने हर आरोपी को नीम के 50-50 पौधे लगाने का निर्देश भी दिया है। कोर्ट ने पक्षकारों से बातचीत करने के बाद कहा कि उन्होंने पुष्टि की है कि मामलों को बिना किसी धमकी, दबाव या जबरदस्ती के आपसी सहमति से सुलझा लिया गया और उन्हें प्राथमिकी रद्द किए जाने पर कोई आपत्ति नहीं है। बता दें कि उनके बीच विवाद पारिवारिक मुद्दों को लेकर शुरू हुआ था। 

तीन आरोपी लगाएंगे 50-50 पौधे

न्यायमूर्ति अनूप कुमार मेंदिरत्ता ने कहा, ‘‘तथ्यों और परिस्थितियों पर गौर करते हुए याचिकाकर्ताओं पर जुर्माना लगाने के बजाए उन्हें सक्षम प्राधिकरण से संपर्क करने के बाद छावला पुलिस थाना क्षेत्र में तीन फुट की ऊंचाई तक के नीम के 50-50 पौधे लगाने का निर्देश दिया जाता है।’’ उन्होंने कहा कि पौधे लगाने के निर्देशों का अनुपालन न करने पर याचिकाकर्ता पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। उच्च न्यायालय आरोपी और उसके दो बेटों के खिलाफ प्राथमिकी रद्द करने का अनुरोध करने वाली उनकी याचिका पर सुनवाई कर रहा था। यह प्राथमिकी 2015 में छेड़छाड़, चोट पहुंचाने और चोरी समेत विभिन्न कथित अपराधों के लिए दर्ज की गयी थी। 

मारपीट और छेड़छाड़ का था आरोप

बता दें कि शिकायतकर्ता महिला ने आरोप लगाया था कि उक्त व्यक्ति और उसके दो बेटों ने उसके पति तथा एक रिश्तेदार से मारपीट की और उसकी गरिमा भंग कर उससे भी दुर्व्यवहार किया था। महिला और आरोपी आपस में रिश्तेदार हैं। याचिकाकर्ताओं ने कहा था कि उनके बीच पारिवारिक मुद्दों को लेकर विवाद पैदा हुआ जिसे मध्यस्थता के जरिए सुलझा लिया गया और याचिकाकर्ताओं में से एक की पत्नी ने भी शिकायतकर्ता के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी है जिसे उच्च न्यायालय ने रद्द कर दिया है। प्राथमिकी रद्द करते हुए उच्च न्यायालय ने कहा कि दोनों पक्ष अदालती कार्यवाही को बंद करना चाहते हैं और समझौता उनके बीच सद्भाव को बढ़ावा देगा तथा उन्हें जीवन में आगे बढ़ने में मदद करेगा। (इनपुट- एजेंसी)

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