कोरोना से मौतें: पराली को जिम्मेदार ठहरा अपनी नाकामी छिपा रहे हैं दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री!
जैन ने कहा, ‘‘कोविड-19 महामारी के बीच पराली जलाने के कारण प्रदूषण काफी बढ़ गया और यह दोहरे हमले की तरह था। चूंकि पराली जलाने से होने वाला प्रदूषण कुछ घटा है इसलिए अगले कुछ सप्ताह में मृत्यु दर भी कम होगी।’’
नई दिल्ली. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने शहर में कोरोना वायरस से मृत्यु दर में बढ़ोतरी के लिए पराली जलाने से हुए प्रदूषण को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि अगले दो-तीन सप्ताह में मृतकों की संख्या में कमी आने की उम्मीद है। जैन ने संवाददाताओं से कहा कि पराली जलाने के कारण होने वाला प्रदूषण दिल्ली में बड़ी समस्या है। इससे श्वसन संबंधी दिक्कतें बढ़ जाती हैं और यह कोविड-19 से संक्रमित लोगों की बीमारी को और गंभीर बना देता है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों में पराली जलाने के कारण होने वाले प्रदूषण के घटने के कारण अगले दो-तीन सप्ताह में शहर में कोविड-19 की मृत्यु दर कम होने की उम्मीद है।
पढ़ें- Corona Effect: क्या 31 दिसबंर तक बंद रहेंगे सभी स्कूल और कॉलेज?
जैन ने कहा, ‘‘कोविड-19 महामारी के बीच पराली जलाने के कारण प्रदूषण काफी बढ़ गया और यह दोहरे हमले की तरह था। चूंकि पराली जलाने से होने वाला प्रदूषण कुछ घटा है इसलिए अगले कुछ सप्ताह में मृत्यु दर भी कम होगी।’’
पढ़ें- Corona: यूपी की शादियों में सिर्फ 100 लोगों को अनुमति, सरकार ने जारी किए आदेश
दिल्ली में 499 रुपये में होगी कोरोना की जांच
दिल्ली शहर में एक सचल प्रयोगशाला की व्यवस्था की गई है जो राष्ट्रीय राजधानी में निजी केंद्रों में कोरोना वायरस संक्रमण का पता लगाने के लिए 2,400 रुपये में हो रही आरटी-पीसीआर जांच 499 रुपये में करेगी। दिल्ली सरकार ने निजी अस्पतालों एवं नर्सिंग होम को निर्देश दिए हैं कि यदि आईसीयू और सामान्य कक्षों में कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित बिस्तरों पर ऐसे मरीज हैं जो कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं हैं, तो उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद इन बिस्तरों को खाली रखा जाए। सरकार ने 90 निजी अस्पतालों को अपने कुल बिस्तरों में से 60 प्रतिशत और 42 निजी अस्पतालों को आईसीयू में 80 प्रतिशत बिस्तर कोविड-19 मरीजों के लिए आरक्षित रखने का निर्देश दिया है।
पढ़ें- Corona Effect: क्या 1 दिसंबर से बंद हो जाएंगी भारतीय रेलवे की सभी ट्रेनें?
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को राजधानी दिल्ली में सचल आरटी-पीसीआर जांच प्रयोगशाला का उद्घाटन किया, जिसके जरिए सिर्फ 499 रुपये में कोविड-19 की जांच कराई जा सकेगी और छह घंटे में परिणाम प्राप्त किए जा सकेंगे। सचल आरटी-पीसीआर जांच प्रयोगशाला की शुरुआत सरकार और ‘स्पाइस हेल्थ’ के संयुक्त प्रयास से की गई है। ज्ञात हो कि दिल्ली में कोविड-19 के मामलों की अचानक हुई वृद्धि के बाद केंद्र सरकार को हस्तक्षेप करना पड़ा था।
कोरोना से हर घंटे 5 की मौत
पिछले 24 घंटों में दिल्ली में औसतन हर घंटे कोविड-19 की वजह से कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई, जबकि देशभर में इस अवधि में हर घंटे औसतन 21 लोगों की मौत हुई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के आधार पर यह विश्लेषण किया गया जिसमें पिछले 24 घंटे में कोविड-19 की वजह से देश और सभी राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों में मौत की कुल संख्या दी गई है।
दिल्ली में सोमवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 4,454 नए मामले सामने आए और लोगों के संक्रमित पाए जाने की दर 11.94 प्रतिशत रही तथा 121 और मरीजों की मौत के बाद कुल मृतक संख्या बढ़कर 8,512 हो गई। दिल्ली स्वास्थ्य विभाग ने ताजा बुलेटिन में बताया कि रविवार को कुल 37,307 नमूनों की जांच की गई जिनमें से 18,046 नमूनों की आरटी-पीसीआर जांच की गई।
11 नवंबर को मिले सर्वाधिक 8593 मरीज
दिल्ली में अब तक एक दिन में संक्रमण के सर्वाधिक मामले 11 नवंबर को सामने आए थे, जब 8,593 संक्रमितों का पता चला था। उस दिन 85 लोगों की संक्रमण से मृत्यु हो गयी थी। सोमवार को संक्रमण से 121 लोगों की मौत हुई। रविवार को भी संक्रमण के कारण इतने ही लोग मारे गए थे। पिछले 12 दिन में छठी बार एक दिन में मौत के मामलों की संख्या 100 से अधिक है।
सोमवार को इलाज करा रहे संक्रमितों की संख्या 37,329 रही जबकि रविवार को यह संख्या 40,212 थी। बुलेटिन के मुताबिक, दिल्ली में संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 5,34,317 पहुंच गयी है, जिनमें से 4,88,476 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। दिल्ली में निषिद्ध क्षेत्रों की संख्या में मामूली गिरावट आई है। यह सोमवार को 4,692 हो गयी, जबकि रविवार को यह संख्या 4,697 थी। बुलेटिन के अनुसार कोविड-19 अस्पतालों में कुल बिस्तरों की संख्या 17,553 है जिनमें से 8,089 खाली हैं।