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Hindi News दिल्ली एपीजे स्कूल, शेखसराय का प्रबंधन अपने हाथों में लेगी केजरीवाल सरकार, प्रक्रिया शुरू

एपीजे स्कूल, शेखसराय का प्रबंधन अपने हाथों में लेगी केजरीवाल सरकार, प्रक्रिया शुरू

दिल्ली सरकार का कहना है कि मनमाने तरीके से बढ़ाई गई फीस वापस लेने के लिए कई बार शिक्षा विभाग स्कूल प्रबंधन से कह चुका है लेकिन हर बार स्कूल प्रबंधन शिक्षा विभाग के आदेशों का पालन करने में विफल रहा।

एपीजे स्कूल, शेखसराय का प्रबंधन अपने हाथों में लेगी केजरीवाल सरकार, प्रक्रिया शुरू- India TV Hindi Image Source : FILE एपीजे स्कूल, शेखसराय का प्रबंधन अपने हाथों में लेगी केजरीवाल सरकार, प्रक्रिया शुरू

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के शेखसराय स्थित एपीजे स्कूल का प्रबंधन दिल्ली सरकार अपने हाथों में ले रही है। इस संबंध में शिक्षा निदेशालय की ओर से एपीजे स्कूल प्रबंधन को नोटिस भेजकर अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। दिल्ली सरकार का कहना है कि मनमाने तरीके से बढ़ाई गई फीस वापस लेने के लिए कई बार शिक्षा विभाग स्कूल प्रबंधन से कह चुका है लेकिन हर बार स्कूल प्रबंधन शिक्षा विभाग के आदेशों का पालन करने में विफल रहा। एपीजे स्कूल प्रबंधन ने शिक्षा निदेशालय के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन हाईकोर्ट ने शिक्षा निदेशालय के उस आदेश का समर्थन किया, जिसमें स्कूल से बढ़ी हुई फीस वापस लेने के लिए कहा गया था।

स्कूल प्रबंधन के अधिग्रहण को लेकर शिक्षा निदेशालय की तरफ से भेजे गए प्रस्ताव को मुख्यमंत्री केजरीवाल से मंजूरी मिल गई है। इसके बाद निदेशालय ने प्रबंधन के अधिग्रहण की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। वहीं इस प्रस्ताव को अंतिम मंजूरी के लिए सरकार ने फाइल ले. गवर्नर को भेज दी है।

शिक्षा निदेशालय ने वित्तीय वर्ष 2012-2013 से 2018-2019 के लिए एपीजे स्कूल के वित्तीय विवरण का अध्ययन किया था। इस दौरान शिक्षा निदेशालय ने पाया कि वर्ष 2018-2019 के लिए स्कूल के पास कुल धनराशि 49,72,45,586 रुपये थी। इस धनराशि में से अनुमानित तौर पर स्कूल ने 18,87,02,422 रुपये खर्च किए। यह राशि खर्च होने के बाद भी स्कूल प्रबंधन के पास करीब 30,85,43,164 रुपये की धनराशि शुद्ध रूप से सरप्लस में थी। इस पर शिक्षा निदेशालय का कहना है कि 30 करोड़ से ज्यादा का सरप्लस फंड होने के बाद भी स्कूल प्रबंधन को अभी फीस बढ़ाने की कोई जरूरत नहीं है। इसके तहत निदेशालय ने शैक्षणिक सत्र 2018-2019 और 2019-2020 के लिए स्कूल द्वारा प्रस्तावित शुल्क ढांचे को स्वीकार करने से इंकार कर दिया। इसके बाद भी स्कूल की तरफ से फीस बढ़ाई गई।