दिल्ली में साल 2021 में सबसे व्यस्त समय के दौरान बिजली की मांग 7,323 मेगावाट तक पहुंची जो राष्ट्रीय राजधानी के इतिहास में 2019 में अबतक की सबसे अधिक मांग 7,409 मेगावाट से मामूली रूप से कम है। हालांकि साल 2020 की 6,341 मेगावाट की मांग से यह कहीं अधिक है। यह खुलासा राष्ट्रीय राजधानी में बिजली की मांग को लेकर आए आंकड़ों से हुआ है। बिजली वितरण कंपनियों के अधिकारी बिजली की बढ़ी हुई इस मांग के लिए कोरोना वायरस की दूसरी लहर और लंबे समय तक कठोर मौसम को जिम्मेदार मानते हैं।
दैनिक आधार पर दिल्ली में वर्ष 2020 के दिनों की तुलना में वर्ष 2021 के 227 दिन बिजली की मांग में वृद्धि देखी गई जो वर्ष 2021 के कुल दिनों का 61 प्रतिशत है। दिल्ली में वर्ष 2020 के मुकाबले पिछले साल अधिक बिजली की जरूरत रही। मासिक आधार पर जारी किए गए आंकड़ों के विश्लेषण के मुताबिक, दिल्ली में दिसंबर 2021 में दिसंबर 2020 के मुकाबले बिजली की 58 प्रतिशत या 18 दिनों तक अधिक मांग रही। इसी प्रकार नवंबर 2020 के मुकाबले नवंबर 2021 में बिजली की मांग 50 प्रतिशत अधिक रही।
अक्टूबर में 58 प्रतिशत, सितंबर 20 प्रतिशत, अगस्त में 68 प्रतिशत, जुलाई में 68 प्रतिशत, जून में 77 प्रतिशत, मई में 65 प्रतिशत, अप्रैल में 93 प्रतिशत, मार्च में 77 प्रतिशत, फरवरी में 36 प्रतिशत और जनवरी में 74 प्रतिशत अधिक बिजली की मांग 2020 के संबंधित महीनों के मुकाबले रही। बता दें, अभी दिल्ली में एक बार फिर कोरोना के मामलों ने रफ्तार पकड़ ली है। दिल्ली में रोज़ाना कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं।
क्या बोले अरविंद केजरीवाल-
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कोरोना से निपटने के लिए हमने पूरी तैयारी कर ली है। ओमिक्रॉन के अभी तक गंभीर मरीजों की पुष्टिं नहीं हुई है। डेल्टा के मुकाबले ओमिक्रॉन के मरीजों को कम ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत पड़ रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में 29 दिसम्बर को कोविड के 923 मामले सामने आए थे जो, 30 को बढ़कर 1313, 31 दिसंबर को 1796 और 1 जनवरी को 2796 केस हो गए. उन्होंने कहा कि आज शाम तक यह आंकड़ा बढ़कर करीब 3100 हो जाएगा। केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में अभी एक्टिव केसेज 6360 हैं, जो 3 दिन में 3 गुना बढ़ गए हैं।