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Hindi News दिल्ली दिल्ली में आ चुका है कोविड लहर का पीक, अब मामलों में कमी आएगी: स्वास्थ्य मंत्री

दिल्ली में आ चुका है कोविड लहर का पीक, अब मामलों में कमी आएगी: स्वास्थ्य मंत्री

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, आज दिल्ली में कोविड मामलों में 4,000 की कमी होने की उम्मीद है। हालांकि, पॉजिटविटी दर लगभग 30 प्रतिशत होगी। अस्पताल में भर्ती होने की दर में पिछले पांच छह दिनों से कोई इजाफा नहीं हुआ है।

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Highlights

  • दिल्ली में कोविड की तीसरी लहर अपनी चरम सीमा पर पहुंच चुकी है- स्वास्थ्य मंत्री
  • आज दिल्ली में कोविड मामलों में 4,000 की कमी होने की उम्मीद

नई दिल्ली: दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने शनिवार को कहा कि राजधानी में कोविड की तीसरी लहर पहले ही अपनी चरम सीमा पर पहुंच चुकी है और अब मामलों में जल्द ही कमी देखने को मिल सकती है। जैन ने कहा, दिल्ली में कोविड पीक पहले ही आ चुकी है। अब देखना है कि मामले कब कम होते है, और ऐसा लगता है कि राजधानी में मामलों में गिरावट आ चुकी है। दिल्ली में शुक्रवार को दैनिक मामले 24,383 दर्ज किए गए थे और इनमे पहले की तुलना में गिरावट देखी गई, जिसके आज और कम होने की उम्मीद है।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, आज दिल्ली में कोविड मामलों में 4,000 की कमी होने की उम्मीद है। हालांकि, पॉजिटविटी दर लगभग 30 प्रतिशत होगी। अस्पताल में भर्ती होने की दर में पिछले पांच छह दिनों से कोई इजाफा नहीं हुआ है। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि यह गिरावट इस बात का संकेत है कि आने वाले दिनों में मामले कम होंगे। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में अभी तक 15 प्रतिशत बिस्तरों पर ही मरीजों की भर्ती हुई है। शहर में कोविड जांच में भी थोड़ी कमी आई है और शुक्रवार को लगभग 79,578 कोविड परीक्षण दर्ज किए, जिसमें 24 घंटों में 61,183 आरटी-पीसीआर परीक्षण और 15,395 रैपिड एंटीजन परीक्षण शामिल थे।

यह पूछे जाने पर कि क्या मामलों में गिरावट के लिए कम कोविड परीक्षण को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है तो उन्होंने कहा कि परीक्षण के मामलों में हम केंद्र के दिशानिर्देशों का पालन कर रहे हैं और दिल्ली में परीक्षण कम नहीं हुए हैं।

गौरतलब है कि इस सप्ताह की शुरूआत में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ने कहा था कि कोविड के पुष्ट मामलों के संपर्कों को परीक्षण की आवश्यकता नहीं है, बशर्ते कि उनमें कोई गंभीर मामला नहीं हो या ऐसे मरीजों को कोई अन्य बीमारी ना हो। दिशानिर्देशों में यह भी कहा गया है कि सामुदायिक स्तर पर लक्षणविहीन मामलों की जांच की भी आवश्यकता नहीं है।

(इनपुट- एजेंसी)