नयी दिल्ली: दिल्ली में कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या 13 जनवरी को 94,160 पहुंचने के बाद महज 12 दिनों के भीतर घटकर आधी रह गयी। गौरतलब है कि कोविड की दूसरी लहर के दौरान उपचाराधीन मरीजों की संख्या आधी होने में 21 दिन लगा था। कोविड की तीसरी लहर में उपचाराधीन मरीजों की संख्या 13 जनवरी को बढ़कर 94,160 हो गयी थी जो मंगलवार (25 जनवरी) को कम होकर 42,010 रह गयी। बेहद खतरनाक दूसरी लहर के दौरान कोविड के उपचाराधीन मरीजों की संख्या 28 अप्रैल को बढ़कर 99,752 हो गई थी जो 19 मई को कम होकर 45,047 रह गयी।
‘वृद्धि तेजी से हुई थी, रिकवरी भी तेजी से हो रही है’
विशेषज्ञों का कहना है कि उपचाराधीन मरीजों की संख्या में आ रही कमी उनकी आशा के अनुरूप है। मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज में कम्युनिटी मेडिसिन विभाग की निदेशक प्रोफेसर नंदिनी शर्मा ने बताया, ‘ऐसा ही अनुमान था। वृद्धि तेजी से हुई थी। कोविड के प्रसार को दिखाने वाली आर-नॉट वैल्यू करीब 4 थी, इसका तात्पर्य है कि उक्त व्यक्ति 2 दिनों के भीतर पूरे परिवार को संक्रमित करेगा। रिकवरी भी तेजी से हो रही है। इंक्यूबेशन की अवधि कम हो गई है, महज 2 से 3 दिन रह गयी है। इसलिए ऐक्टिव मामलों में तेजी से कमी आयी है।’
‘अस्पतालों में भर्ती संक्रमितों की संख्या काफी कम’
अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार, कोरोना वायरस से ओमिक्रॉन वेरिएंट की इंक्यूबेशन अवधि करीब 3 दिनों की है, जबकि उसके डेल्टा वेरिएंट की इंक्यूबेशन अवधि 4 दिनों की थी। वहीं कोरोना के पुराने वेरिएंट्स की इंक्यूबेशन अवधि करीब 5 दिनों की थी। दिल्ली सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, इस बार कोविड-19 के बेहद कम मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़ रही है। अधिकारियों का कहना है कि मौत के ज्यादातर मामलों में वायरस से संक्रमण प्राथमिक कारण नहीं है।