नई दिल्ली: दिल्ली की अदालत ने आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक नरेश यादव के काफिले पर इस साल फरवरी में गोली चलाने के आरोपी की जमानत याचिका रद्द कर दी है। दक्षिण-पश्चिम दिल्ली में हुई इस गोलीबारी में एक कार्यकर्ता की मौत हो गई थी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संजय खानगवाल ने शुक्रवार को आरोपी धर्मवीर उर्फ कालू को जमानत देने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि आरोपी के खिलाफ गंभीर आरोप हैं। बता दें कि पुलिस ने इस घटना के बारे में बात करते हुए कहा था कि इसे आपसी दुश्मनी की वजह से अंजाम दिया गया था।
‘आरोपी के खिलाफ लगे हैं गंभीर आरोप’
अदालत ने कहा, ‘इस मामले में आरोपी के खिलाफ गंभीर अरोप हैं। मुख्य हमलावर के साथ उसकी उपस्थिति गवाहों के बयान में परिलक्षित होती है। जहां तक सह-अभियुक्त को दी गई जमानत के साथ समानता का आधार है, तो आरोपी की भूमिका और उससे मिले सामान पर विचार करने के बाद वह तर्क लागू नहीं होती।’ अदालत ने रेखांकित किया कि मामले में घायल एक व्यक्ति ने शिकायत दर्ज कराई है जिसमें आरोपी धमकी देने का आरोप लगाया गया है। उल्लेखनीय है कि आरोपी ने इसी मामले में सह अभियुक्त और भाई सोमराज उर्फ धामी को मिली जमानत को अधार बना याचिका दायर की थी। साथ ही उसने प्राथमिकी में कथित तौर पर विसंगति होने का आरोप लगाया था।
पुलिस ने घटना की जांच में क्या पाया था?
शिकायतकर्ता की ओर से पेश वकील विजय अग्रवाल ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए दावा किया कि इसमें गलत और भ्रमित करने वाली सूचनाएं दी गई हैं कई तथ्यों को छिपाया गया है। पुलिस के मुताबिक आरोपी ने विधायक के काफिले में शामिल आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता 45 वर्षीय अशोक मान को कुछ महीने पहले गोली मार दी गई थी। इस हादसे में मृतक मान के रिश्तेदार हरेंदर घायल हुए थे। पुलिस ने धर्मवीर की गिरफ्तारी के बाद कहा कि घटना को आपसी दुश्मनी की वजह से अंजाम दिया गया और राजनीति से इसका कोई लेना-देना नहीं है।