नई दिल्ली: दिल्ली प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष अनिल चौधरी ने शनिवार को ‘पानी सच्चाई रिपोर्ट’ जारी की और आरोप लगाया कि राष्ट्रीय राजधानी के लोगों को स्वच्छ जल नहीं मिल रहा है। कांग्रेस नेता ने एक बयान में कहा कि पीने का पानी शहर में दुर्लभ वस्तु बन गया है। अनिल चौधरी ने कहा, ‘‘राजधानी में जल संकट इतना गहरा हो गया है कि पहले से ही कोविड-19 महामारी की मार झेल रहे लोगों को रोजमर्रा के उपयोग के लिए पैसे देकर बोतलबंद पानी खरीदना पड़ रहा है।’’
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के मुकाबले मौजूदा सरकार के समय ‘‘गंदा पानी, पानी की कमी और सीवर जाम होने संबंधी समस्याओं की शिकायतें 209 प्रतिशत बढ़ गयी हैं।’’ चौधरी ने दावा किया, ‘‘2013-14 में ऐसी शिकायतों की संख्या 55,455 थी, लेकिन 2020-21 में यह बढ़कर 1.71 लाख हो गयी है। ऐसे ही, 2014 से 2021 के बीच लीवर, किडनी और गैस्ट्रिक संबंधी समस्याओं से जूझ रहे मरीजों की संख्या बढ़कर 4.19 लाख हो गयी है और, इन बीमारियों से 19,238 लोगों की मौत हुई है।’’
केजरीवाल के आवास के बाहर कांग्रेस ने प्रदर्शन किया
कांग्रेस की दिल्ली इकाई के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रीय राजधानी के कई इलाकों में पानी की कमी और कुछ इलाकों में गंदे पानी की आपूर्ति को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर 16 जुलाई को प्रदर्शन किया। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया था।
अनिल कुमार ने आरोप लगाया कि दिल्ली के लोग भीषण जल संकट का सामना कर रहे हैं, लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री दूसरे राज्यों का दौरा कर 'मुफ्त बिजली और पानी' का वादा कर रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, ‘‘केजरीवाल दिल्लीवालों को 20,000 लीटर प्रतिमाह पानी मुफ्त देने कहां से देंगे जब दिल्लीवालों के नलों तक पानी ही नही पहुंचेगा और जिन नलों में दिल्ली जल बोर्ड का पानी आ रहा है वहां लोग गंदा पानी पीने को मजबूर है, जिस वजह से अनेक बीमारियां फैल रही है। केजरीवाल ने मुफ्त पानी देने के बड़े-बड़े बयानों के अलावा दिल्लीवालों के लिए जल आपूर्ति की दिशा में कोई काम नही किया।’’
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने "बीमारी नहीं पानी दो, दिल्ली को स्वच्छ पानी दो", ‘‘दिल्ली की दुखद कहानी, पीने के लिए गंदा पानी’’ जैसे नारे लगाए।