गणतंत्र दिवस: सीएम अरविंद केजरीवाल ने फहराया तिरंगा, कहा "दुनिया ने दिल्ली से सीखकर अपनाया होम आइसोलेशन"
गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को दिल्ली सचिवालय में राष्ट्रीय ध्वज फहराया।
गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को दिल्ली सचिवालय में राष्ट्रीय ध्वज फहराया। इस खास मौके पर दिल्ली सरकार के सभी मंत्री और सचिवालय के कर्मचारी सहित अन्य लोग मौजूद थे। इस अवसर पर सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपने संबोधन में कहा कि दुनिया में सबसे पहले होम आइसोलेशन की शुरुआत दिल्ली में की गई। दिल्ली में अभी तक 3 लाख से ज़्यादा मरीजों का इलाज होम आइसोलेशन में हो चुका है। उन्होंने कहा कि हमने जब से होम आइसोलेशन की प्रक्रिया शुरू की तब से देश और दुनिया ने होम आइसोलेशन को अपनाया।
इस साल कारोना पर पा लेंगे जीत
अपने संबोधन में सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा, "मुझे उम्मीद है कि इस साल हम COVID19 से छुटकारा पा लेंगे। यह एक कठिन दौर था। लाखों लोगों ने इस दौर में अपनी नौकरी खो दीए,दुकानें, मार्केट और फैक्ट्री बंद हो गई। यह सरकार के लिए भी कठिन था क्योंकि हमें कोई कर नहीं मिला था। इस दौर में हमारी सबसे बड़ी चुनौती यह थी कि हमारे कर्मचारियों को वेतन कैसे दिया जाए।" लोगों का चूल्हा जलना मुश्किल हो गया था, तब भी दिल्ली सरकार ने 1 करोड़ लोगों को हर महीने सूखा राशन दिया गया। 10 लाख लोगों को रोज लंच और डिनर की व्यवस्था की। ड्राइवर्स के खाते में 5-5 हजार रुपए जमा कराए। करीब 44 हजार कंस्ट्रक्शन मजदूरों के खाते में 10-10 हजार रुपए जमा कराए।
ऐसे आया होम आईसोलेशन का आइडिया
सीएम केजरीवाल ने कहा कि विकसित देशों से जो तस्वीरें आ रही थीं, उसमें दिख रहा था कि मरीज गलियारों में फर्श पर लेटे हुए थे। हमने इसका अध्ययन किया और यह समझा कि बीमार हुए सभी लोगों को अस्पताल ले जाया गया, यहां तक कि हल्के लक्षणों वाले लोगों को भी अस्पताल में भर्ती किया गया। इससे उन पर दबाव बढ़ गया। दिल्ली में डॉक्टरों ने 'होम आइसोलेशन' का तरीका अपनाया और 3 लाख से ज्यादा लोग हुए कोरोना को मात देकर ठीक हो गए।
न्यूयॉर्क जैसे शहरों में ढह गया हेल्थ सिस्टम
केजरीवाल ने कहा कि न्यूयॉर्क में अप्रैल 2020 के पहले हफ्ते में 6300 केस आए। वहां 6300 केस में भी न्यूयॉर्क का सारा हेल्थ सेक्टर ढह गया। वहां अस्पतालों में जगह नहीं थी और कॉरिडोर और सड़कों पर मरीज पड़े थे। केवल न्यूयॉर्क ही नहीं कई विकसित देशों का हाल खराब रहा। दिल्ली में 8 नवंबर को साढ़े 8 हजार केस आए, तब भी बड़ी संख्या में बेड खाली पड़े थे।
दिल्ली में बना प्लाज्मा बैंक
सीएम बोले कि पूरी दुनिया जब कोरोना की दवाई का इंतजार कर रहा था। तब भी हमारे डॉक्टर्स ने प्लाज्मा थैरेपी दुनिया को दी। मुझे गर्व है कि 2 जुलाई को दुनिया का सबसे पहला प्लाज्मा बैंक दिल्ली के आईएलबीएस में बना। अभी तक 4929 लोगों को प्लाज्मा दिया जा चुका है। 5 हजार लोगों की जान बचाई जा चुकी है। कई सारी विकसित देश में स्वास्थ्य सिस्टम खराब थे। तब हमने थोड़े बहुत सिम्टम वाले मरीजों को होम आइसोलेशन इजाद किया।
दिल्ली में बेहतर हुआ हेल्थ सिस्टम
सीएम ने कहा कि दिल्ली सरकार ने पिछले 5 साल में जो स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त किया है, उसी का नतीजा है कि महामारी में हमने अच्छा मैनेजमेंट किया। इसमें हेल्थ वर्कर्स का अहम योगदान है। जब दिल्ली में सबसे अधिक केस आए, तभी भी दिल्ली का हेल्थ सिस्टम गिरा नहीं हुआ। सभी डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मियों को बधाई।